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    'जम्मू-कश्मीर से अलगाववाद खत्म', हुर्रियत में फूट पड़ने पर अमित शाह का बयान; कहा- यह मोदी के सपने की जीत

    By Agency Edited By: Rajiv Mishra
    Updated: Tue, 25 Mar 2025 01:43 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत में फूट पड़ गई है। जे एंड के पीपुल्स मूवमेंट और डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट ने खुद को अलगाववाद से अलग कर लिया है। इस पर गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बयान दावा किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि कश्मीर में अलगाववाद इतिहास बन चुका है। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री मोदी के सपने की जीत बताया।

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    कश्मीर में अलगाववाद पर अमित शाह का बड़ा दावा (File Photo)

    एजेंसी, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत के दो गुटों (जे एंड के पीपुल्स मूवमेंट और डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट) ने अलगाववाद से नाता तोड़ लिया है। इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा कि मैं इसका स्वागत करता हूं। अमित शाह ने कहा कि कश्मीर में अलगाववाद इतिहास बन चुका है।

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    यह PM मोदी के सपने की जीत- अमित शाह

    मोदी सरकार की एकीकरण नीतियों ने जम्मू-कश्मीर से अलगाववाद को खत्म कर दिया है। हुर्रियत से जुड़े दो संगठनों ने अलगाववाद से सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की है। मैं भारत की एकता को मजबूत करने की दिशा में इस कदम का स्वागत करता हूं और ऐसे सभी समूहों से आग्रह करता हूं कि वे आगे आएं और अलगाववाद को हमेशा के लिए खत्म कर दें। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी के विकसित, शांतिपूर्ण और एकीकृत भारत के निर्माण के सपने की बड़ी जीत है।

    मोहम्मद शफी रेशी ने भी तोड़ा नाता

    कश्मीर में बह रही बदलाव की बयार के बीच सोमवार को एक और कट्टरपंथी अलगाववादी एडवोकेट मोहम्मद शफी रेशी ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट (डीपीएम) से नाता तोड़ने का एलान कर दिया था। उन्होंने भारत की संप्रभुता अखंडता में आस्था जताते हुए कहा कि मेरा किसी भी राजनीतिक दल विशेषकर किसी अलगाववादी संगठन से जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कश्मीर की आजादी या कश्मीर को भारत से अलग करने का समर्थक है, से कोई सरोकार नहीं है।

    हुर्रियत के प्रमुथ नेता थे रेशी

    बता दें कि एडवोकेट रेशी कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी के नेतृत्व वाली हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख नेताओं में एक गिने जाते रहे हैं। वह डीपीएम के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। रेशी ने सोमवार देर रात गए दैनिक जागरण से टेलीफोन में कहा कि मेरा हुर्रियत कान्फ्रेंस या डीपीएम या किसी अन्य अलगाववादी संगठन से कोई नाता नहीं है। मैं डीपीएम से पहले इस्तीफा दे चुका हूं। मैं सात वर्ष से खुद को अलगाववादी गतिविधियों से दूर रखे हुए हूं,क्योंकि मैं हुर्रियत और इस जैसे अन्य दलों की असलियत को समझ चुका था।

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