बाबा भैरव नाथ को भेंट चढ़ाकर मांगी परिवार की सुख-समृद्धि
सब सेक्टर रामगढ़ के प्रसिद्ध धार्मिक ऐतिहासिक स्थल सिद्ध गोरिया मठ परिसर स्थित बाबा भैरवनाथ देवस्थान पर वीरवार को वार्षिक भंडारे का आयोजन किया गया। पारंपरिक रीति-रिवाज के अनुसार भंडारे के शुभ मौके पर बाबा भैरव नाथ का जलाभिषेक कर आरती और भजन किया गया। इसके बाद मठ महंत पीर भोला नाथ जी की अगुआई में बाबा भैरवनाथ देवस्थान पर झंडा चढ़ाने की रस्म निभाई गई। इस रस्म में भारी संख्या में साधु-संतों मठ प्रबंधन सदस्यों व श्रद्धालुओं ने भाग लेकर बाबा के जयकारे लगाए। भंडारे के आयोजन की रस्मों को निभाने के साथ ही श्रद्धालुओं में बाबा भैरव नाथ जी के दर्शन की होड़ मच गई।

संवाद सहयोगी,रामगढ़ : सब सेक्टर रामगढ़ के प्रसिद्ध धार्मिक ऐतिहासिक स्थल सिद्ध गोरिया मठ परिसर स्थित बाबा भैरवनाथ देवस्थान पर वीरवार को वार्षिक भंडारे का आयोजन किया गया। पारंपरिक रीति-रिवाज के अनुसार भंडारे के शुभ मौके पर बाबा भैरव नाथ का जलाभिषेक कर आरती और भजन किया गया। इसके बाद मठ महंत पीर भोला नाथ जी की अगुआई में बाबा भैरवनाथ देवस्थान पर झंडा चढ़ाने की रस्म निभाई गई। इस रस्म में भारी संख्या में साधु-संतों, मठ प्रबंधन सदस्यों व श्रद्धालुओं ने भाग लेकर बाबा के जयकारे लगाए। भंडारे के आयोजन की रस्मों को निभाने के साथ ही श्रद्धालुओं में बाबा भैरव नाथ जी के दर्शन की होड़ मच गई। श्रद्धालु मंदिर द्वार के सामने लंबी-लंबी कतारें लगाकर हाथों में प्रसाद की थाली लिए खड़े हो गए। भीषण उमस व गर्मी में भी बाबा के दर्शन के लिए कतारों में खड़े श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। अपनी बारी आने पर श्रद्धालुओं ने बाबा भैरव नाथ को रोट प्रसाद व मदिरा का चढ़ावा चढ़ाकर परिवार की सुख-शांति की कामना की। वहीं बाबा भैरव नाथ के वार्षिक भंडारे में वो श्रद्धालु बैंड़-बाजों व डोल नगाड़ों की थाप पर नाचते गाते पहुंचे, जिनकी मन की मुरादें बाबा के आशीर्वाद से पूरी हुई थीं। मान्यता के अनुसार मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु बाबा भैरव नाथ को बकरे, फल, खाद्य सामग्री, तेल, देसी घी आदि चढ़ाकर मन्नतों को उतराते हैं। हर तरफ बाबा भैरव की जय के जयकारे गूंजते रहे। उधर श्रद्धालुओं ने बाबा सिद्ध गोरिया मठ सरोवर में डुबकी लगाकर बाबा के समाधि स्थल पर माथा टेका। दूर-दराज शहरों, राज्यों व गांवों से आए श्रद्धालुओं की सेवा व सुविधा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। श्रद्धालुओं को अपनी बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रशासनिक अधिकारी व मठ प्रबंधन सदस्य पूरी तरह सेवालीन रहे। वहीं भंडारे में श्रद्धालुओं ने रंग-बिरंगे पकवानों व व्यंजनों का पूरा लुत्फ उठाकर अपनी स्वांखां यात्रा सफल बनाई।
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