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    किश्तवाड़ में तीसरे दिन भी सर्च अभियान जारी, सैकड़ों लोग मलबे में फंसे; अब तक 60 की मौत

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 08:25 AM (IST)

    जम्मू के किश्तवाड़ के चिशौती गांव में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। बचाव अभियान लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। इस आपदा में 60 लोगों की जान चली गई और 100 से अधिक घायल हो गए। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने पुलिस महानिदेशक के साथ तबाह हुए गांव का दौरा किया और बचाव कार्यों की समीक्षा की।

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    किश्तवाड़ में तीसरे दिन भी सर्च अभियान जारी (जागरण फोटो)

    डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू के किश्तवाड़ के चिशौती गांव में बादल फटने के कारण भीषण तबाही हुई है। शनिवार को लगातार तीसरे दिन भी सर्च अभियान जारी रहा। इस आपदा में 60 लोगों की जान चली गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

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    केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (DGP) नलिन प्रभात के साथ शुक्रवार देर रात तबाह हुए गांव का दौरा किया और पुलिस, सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), सीमा सड़क संगठन (BRO), नागरिक प्रशासन और ऊँचाई वाले इलाकों में काम कर रहे स्थानीय स्वयंसेवकों द्वारा किए जा रहे बचाव और राहत प्रयासों की समीक्षा की।

    46 शवों की हुई पहचान

    अब तक 46 शवों की पहचान हो चुकी है और कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।

    इस बीच, 75 लोगों के लापता होने की सूचना उनके परिवारों ने दी है, हालांकि स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि सैकड़ों लोग अचानक आई बाढ़ में बह गए होंगे और विशाल पत्थरों, लकड़ियों और मलबे के नीचे दब गए होंगे।

    अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के दो जवान और स्थानीय पुलिस का एक विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) शामिल हैं।

    14 अगस्त को फटा था बादल

    बता दें कि यह आपदा 14 अगस्त को दोपहर लगभग 12:25 बजे मचैल माता मंदिर जाने वाले रास्ते पर पड़ने वाले आखिरी गांव चिसौती में आई। इसने एक अस्थायी बाज़ार, यात्रा के लिए एक लंगर (सामुदायिक रसोई) स्थल और एक सुरक्षा चौकी को तहस-नहस कर दिया।

    कम से कम 16 आवासीय घर और सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, चार पनचक्की, एक 30 मीटर लंबा पुल और एक दर्जन से ज़्यादा वाहन भी अचानक आई बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गए।