संघर्ष समिति के साथ खड़े संत समाज ने भी भरी हुंकार, बोले- 'अब मेडिकल कालेज तक सीमित नहीं रहेगा आंदोलन'
संघर्ष समिति को संत समाज का समर्थन मिला है। संतों ने घोषणा की है कि उनका आंदोलन अब केवल मेडिकल कॉलेज तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे और आगे बढ़ाया जाएगा। संत समाज संघर्ष समिति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है और आंदोलन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक श्राइन बोर्ड के संविधान में आवश्यक बदलाव नहीं होता।
जागरण संवाददाता, जम्मू। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की ओर से संचालित श्री माता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी के अधीन आने वाले मेडिकल कालेज के पहले सत्र में 50 में से 45 सीटें मुस्लिम समुदाय के छात्रों को आवंटित किए जाने के विरोध में शुरू हुआ श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति का आंदोलन अब केवल मेडिकल कालेज तक सीमित नहीं रहेगा।
संघर्ष समिति के आंदोलन में खड़े हुए जम्मू के संत समाज ने श्राइन बोर्ड पर अपनी स्थापना के मूल सिद्धांतों से ही भटकने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जिस उद्देश्य व सिद्धांत के साथ बोर्ड का गठन हुआ था, बोर्ड उसे भूल चुका है लेकिन अब सनातनी जाग उठे हैं।
संघर्ष समिति ने भी संत समाज की भावनाओं का समर्थन करते हुए कहा है कि सनातनियों के दान से चलने वाले श्राइन बोर्ड को सनातन के लिए ही काम करना होगा और अब संघर्ष समिति का आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक श्राइन बोर्ड के संविधान में आवश्यक बदलाव नहीं होता।
सोमवार को संघर्ष समिति ने परेड के गीता भवन में जम्मू के संत समाज के साथ एक बैठक की जिसमें इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक के पश्चात एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए समिति के संयोजक सेवानिवृत्त कर्नल सुखबीर सिंह मनकोटिया ने कहा कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का गठन श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड अधिनियम 1988 के तहत हुआ था ताकि पवित्र मंदिर का उचित प्रबंधन, प्रशासन, विकास सुनिश्चित किया जा सके और भक्तों द्वारा चढ़ाए गए धन का उपयोग केवल मंदिर से जुड़े अध्यात्मिक, सांस्कृतिक व परोपकारी उद्देश्यों के अनुरूप किया जा सके।
मनकोटिया ने कहा कि श्राइन बोर्ड अपने उद्देश्यों से भटक चुका है और कहीं न कहीं व्यवसायिक गतिविधियों में संलिप्त होता जा रहा है जो इसका काम नहीं था। मनकोटिया ने कहा कि यह गलतियां लंबे समय से होती आ रही है लेकिन अब सनातनियों के सब्र का बांध टूट गया है, इसलिए आंदोलन का रास्ता अपनाया गया है।
मनकोटिया ने कहा कि संघर्ष समिति अब तक अपना आंदोलन जारी रखेगी, जब तक श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड अधिनियम में आवश्यक संशोधन नहीं किए जाते ताकि इसकी संरचना, उद्देश्यों व क्रियाकलापों को मूल धार्मिक व परोपकारी भावना के अनुरूप पुर्नस्थापित किया जा सके।
आवश्यकता आने पर मुस्लिम छात्रों के लिए भी संघर्ष करेगी समिति
श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया है कि समिति किसी भी सूरत में यह नहीं चाहती कि जिन मुस्लिम छात्रों का श्री माता वैष्णो देवी मेडिकल कालेज में दाखिला हुआ है, उनकी पढ़ाई किसी तरह प्रभावित हो।
समिति के संयोजक मनकोटिया ने कहा कि समिति सिर्फ इतना चाहती है कि इन छात्रों को जम्मू-कश्मीर के किसी दूसरे कालेज में स्थानांतरित कर दिया जाए, जोकि सरकार आसानी से कर सकती है। उन्होंने कहा कि समिति मुस्लिम छात्रों के साथ किसी तरह की कोई नांइसाफी नहीं होने देगी।
अगर समिति को एहसास हुआ कि उनके साथ किसी तरह की नाइंसाफी हो रही है, तो समिति उन्हें उनका हक दिलाने के लिए भी संघर्ष करने से पीछे नहीं हटेगी।
चंदा सनातनियों का, बोर्ड सनातनियों का, फिर भी सनातनी सड़क पर
श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति के साथ खड़े हुए जम्मू के संत समाज की अगुआई कर रहे पुरानी मंडी स्थित राम मंदिर के महंत महामंडलेश्वर रामेश्वर दास ने श्राइन बोर्ड को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि श्राइन बोर्ड चलता सनातनियों के चंदे से हैं, बोर्ड को चलाने वाले सारे सनातनी है लेकिन फिर भी सनातनियों को अपना हक पाने के लिए आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।
श्राइन बोर्ड की यूनिवर्सिटी व मेडिकल कालेज में गरीब हिंदुओं के लिए शिक्षा निश्शुल्क करने की वकालत करते हुए महामंडलेश्वर ने कहा कि यह बोर्ड यात्रा प्रबंधन के साथ सनातन को मजबूत करने के लिए होना चाहिए। इसलिए उनका मानना है कि यहां उन हिंदुओं छात्रों को दाखिला मिलना चाहिए जो दूसरे कालेजों या विश्व विद्यालयों में फीस देकर पढ़ाई नहीं कर सकते।
महामंडलेश्वर ने कहा कि अब संनातनी जाग उठे हैं और श्राइन बोर्ड के कानून में आवश्यक संशोधन करके ही दम लेंगे। भाजपा पर निशाना साधते हुए महामंडलेश्वर ने कहा कि ये भूल गए हैं कि जिस सनातन का झंडा उठाकर और जिन सनातनियों के वोट से विधायक, सांसद या मंत्री बने हैं, वहीं सनातनी उन्हें उठाकर जमीन पर भी पलट देंगे।
इससे पहले कि सनातनी उनका गिरेबान पकड़े, वो नींद से जागे और इस संघर्ष का हिस्सा बनते हुए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के संविधान में आवश्यक संशोधन कराए।

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