Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jammu Kashmir: सज्जाद गनी लोन बोले- उनके पिता ने सच बोलने की कीमत चुकाई, अच्छा है वह नायक की मौत मरे

    By Vikas AbrolEdited By:
    Updated: Fri, 21 May 2021 06:45 PM (IST)

    पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन और पूर्व समाज कल्याण मंत्री सज्जाद गनी लाेन ने शुक्रवार को अपने दिवंगत पिता को याद करते हुए कहा कि 19 वर्ष पहले आज के ही ...और पढ़ें

    Hero Image
    पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन और पूर्व समाज कल्याण मंत्री सज्जाद गनी लाेन

    श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन और पूर्व समाज कल्याण मंत्री सज्जाद गनी लाेन ने शुक्रवार को अपने दिवंगत पिता को याद करते हुए कहा कि 19 वर्ष पहले आज के ही दिन उनके पिता को सच बोलने पर मौत के घाट उतार दिया गया था। खैर, सच बाेलना आज भी उतना ही मुश्किल है जितना उस समय था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सज्जाद गनी लोन के पिता अब्दुल गनी लोन काे लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने 21 मई 2002 को ईदगाह में मीरवाइज फारुक की बरसी की सिलसिले में अायोजित रैली में मौत के घाट उतार दिया था। अब्दुल गनी लोन ने 1993 में हुर्रियत कांफ्रेस के गठन और उससे पहले मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट कश्मीर के गठन में अहम भूमिका निभाई थी। अलगाववादी सियासत में आने से पहले अब्दुल गनी लोन मुख्यधारा की सियासत में ही सक्रिय थे। वह 2002 में हुर्रियत कांफ्रेंस को चुनावी सियासत में शामिल होने के लिए तैयार कर रहे थे। वह कश्मीर में पाकिस्तान के जरूरत से ज्यादा दखल और विदेशी आतंकियों के सख्त खिलाफ थे। वह पाकिस्तान और विदेशी आतंकियों को कश्मीर से जल्द बाहर देखने के मूड में थे। सज्जाद गनी लोन ने कई बार कट्टरपंथी गिलानी और पाकिस्तान को अपने पिता की हत्या के लिए जिम्मेदार बताया है।

    आज अपने पिता को श्रद्धांजली अर्पित करते हुए सज्जाद गनी लोन ने अपने ट्विटर हैंडल पर कट्टरपंथी गिलानी का नाम लिए बगैर लिखा है मुझे आज जिस बात की सबसे ज्यादा तसल्ली है वह यह कि जिन्होंने मेरे पिता के खिलाफ यहां दुष्प्रचार कर उनकी हत्या के लिए माहौल तैयार किया था, उन लोगाें की भीड़ में शामिल कुछ आज भी जिंदा हैं, लेकिन उनकी जिंदगी आज बदतर है, वह लाश के समान हैं।

    सज्जाद गनी लोन ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा है अच्छा ही हुआ, मेरे पिता सही समय पर शहीद हुए, वह एक हीरो की मौत मरे हैं। उन्होंने अागे लिखा है कि जब तक हम कातिलों को लेकर झूठ बोलते रहेंगे, यह बताने से कतराते रहेंगे कि किसने किसको कत्ल किया, हम सभी लाेग ऐसे ही मुश्किल हालात में पड़े रहेंगे। लोगों को पता चलना चाहिए कि उनका शोषक, उत्पीड़क कहां किस रुप में बैठा हो सकता है।