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    Jammu Kashmir : सज्जाद गनी लोन का जेकेएलएफ के आतंकी कमांडर यासीन मलिक के लिए उमड़ा प्रेम

    By Rahul SharmaEdited By:
    Updated: Wed, 20 Jul 2022 08:14 AM (IST)

    बेशक यह रुबिया सईद और महबूबा मुफ्ती का निजी मामला है लेकिन सच तो यह भी है कि महबूबा मुफ्ती ही कश्मीर में हालात सामान्य बनाने और कश्मीर मसले के हल के लिए पाकिस्तान हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर सैयद सलाहुद्दीन और हुर्रियत नेताओं से सुलह की लगातार वकालत करती हैं।

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    यासीन मलिक को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका मिलना चाहिए।

    श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : अलगाववादी सियासत छोड़कर मुख्यधारा की सियासत अपनाने वाले पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन का जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के आतंकी कमांडर यासीन मलिक के लिए प्रेम उमड़ आया है। सज्जाद ने कहा कि वह चाहते हैं कि यासीन मलिक को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका मिले, उनके खिलाफ सुनवाई पूरी तरह निष्पक्ष हो। वह यहीं नहीं रुके, सज्जाद ने रुबिया सईद अपहरण कांड के मामले की पीडिता रुबिया सईद द्वारा कोट में मलिक व उसके तीन अन्य साथियों की पहचान करने पर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि यह कौन सी सुलह की प्रक्रिया है?

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    वर्ष 2009 में अलगाववादी सियासत छोड़ने वाले सज्जाद गनी लोन ने उड़ी में एक जनसभा के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यासीन मलिक एक निष्पक्ष सुनवाई का हकदार है। उसे अपना पक्ष रखने का पूरा मौका मिलना चाहिए। न्याय एकतरफा नहीं हो सकता है।

    जम्मू कश्मीर में वर्ष 2015 से जून 2018 तक सत्तासीन रही पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में भाजपा के कोटे से समाज कल्याण मंत्री रहे सज्जाद गनी लोन ने रुबिया सईद द्वारा मलिक समेत जेकेएलएफ के चार आतंकियों की अदालत में पहचान किए जाने पर भी एतराज जताया।

    उन्होंने कहा कि बेशक यह रुबिया सईद और महबूबा मुफ्ती का निजी मामला है, लेकिन सच तो यह भी है कि महबूबा मुफ्ती ही कश्मीर में हालात सामान्य बनाने और कश्मीर मसले के हल के लिए पाकिस्तान, हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर सैयद सलाहुद्दीन और हुर्रियत नेताओं के साथ बातचीत व सुलह की लगातार वकालत करती घूमती हैं।

    अगर मैं होता तो शायद दूसरा माडल जैसा प्रियंका गांधी ने अपनाया है, अपनाता। प्रियंका गांधी ने अपने वालिद (पिता) के हत्यारों को माफ कर दिया। यहां तो सिर्फ अगवा का मामला है। यासीन मलिक को पहले ही उम्रकैद हुई है। मेरा मानना है कि सुलह की भावना के साथ मलिक के प्रति कोई दूसरा रास्ता अपनाया जाना चाहिए था।

    बता दें कि रुबिया सईद को जेकेएलएफ के आतंकियों ने दिसंबर 1989 में अगवा किया था। बीते सप्ताह ही रुबिया सईद ने जम्मू स्थित टाडा अदालत में जेकेएलएफ कमांडर यासीन मलिक व उसके अन्य साथियों की पहचान की है। बता दें कि सज्जाद गनी लोन भी कभी कश्मीर की आजादी के समर्थक रहे हैं और उन्होंने अपने पिता अब्दुल गनी लोन की वर्ष 2002 में आतंकियों द्वारा हत्या के बाद पीपुल्स कांफ्रेंस की कमान संभाली थी।