साहिब बंदगी ने मनाया स्वर्ण जयंती समारोह
मधु परमहंस ने बताया कि कैसे उन्होंने जम्मू में उनके संगठन ने कार्य किया और लाखों लोगों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 50 वर्षो में लाखों की संख्या में लोग उनसे जुडे़ हैं।
जागरण संवाददाता, जम्मू : साहिब बंदगी आश्रम का स्वर्ण जयंती समारोह शनिवार को रांझडी आश्रम में मनाया गया। समारोह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, लेकिन सभी ने कोविड-19 नियमों का पालन किया।
इस मौके पर संत मधु परमहंस ने बताया कि कैसे उन्होंने जम्मू में उनके संगठन ने कार्य किया और लाखों लोगों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 50 वर्षो में लाखों की संख्या में लोग उनसे जुडे़ हैं। उन्होंने बताया कि ठीक 50 वर्ष पहले उन्होंने नाम दीक्षा ली और साहिब बंदगी पंथ से जुडे़ थे। आज ना केवल भारतवर्ष में, बल्कि विश्व के कई देशों में फैला और साहिब बंदगी संस्था को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाकर खड़ा किया। यह सब कुछ सद्गुरु के आशीर्वाद से ही संभव हो सका।
उन्होंने बताया कि उन्होंने बहुत ही छोटी अवस्था में गुरु धारण कर भक्ति पथ का चयन किया और इनके गुरु स्वामी गिरिधरानंद परमहंस ने महज 18 वर्ष की आयु में ही इन्हें अपना उत्तराधिकारी चुन लिया। उस समय साहिब जी भारतीय सेना की 11वीं महार रेजीमेंट बटालियन में सेवा निभा रहे थे। देश की सेवा में अपना अहम योगदान देते हुए 24 वर्ष के उपरांत साहिब ने जूनियर कमीशंड ऑफिसर के पद से सेवानिवृत्त हुए।
सद्गुरु मधु परमहंस साहिब ने भक्ति का मुख्य केंद्र प्रदेश के छोटे से गांव रांझडी को बनाया। आज केवल भारत में ही साहिब बंदगी के 220 आश्रमों की स्थापना की गई है। देश सेवा और अध्यात्म के साथ साथ साहिब जी जनकल्याण के कार्यों हेतु भी सदैव तत्पर रहते हैं। सीमा पर फायरिग फायरिग के दौरान, कर्फ्यू के दौरान और कोविड-19 जैसी महामारी के दौरान साहिब ने प्रशासन को हर संभव सहायता प्रदान की ताकि आम जनता को किसी भी प्रकार की मुश्किलों का सामना ना करना पड़े।
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