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    Jammu News: जम्मू दौरे पर RSS प्रमुख भागवत का राष्ट्र की एकता पर जोर; पाकिस्तान तक गूंजा अखंड भारत का शोर

    By Jagran NewsEdited By: Prince Sharma
    Updated: Tue, 17 Oct 2023 07:38 AM (IST)

    Jammu News राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का जम्मू दौरा देश में राष्ट्रवादी सोच की नींव को और मजबूत कर गया। मूर्ति स्थल पर अखंड भारत के नक्शे में पाकिस्तान अफगानिस्तान तिब्बत सहित अन्य कुछ देशों से साफ है कि इन्हें दोबारा जोड़ने की मुहिम का संदेश पूरी दुनिया में भी गया है।

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    दियJammu News: जम्मू दौरे पर RSS प्रमुख भागवत का राष्ट्र की एकता पर जोर; पाकिस्तान तक गूंजा अखंड भारत का शोर

    राकेश शर्मा, कठुआ। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का जम्मू दौरा देश में राष्ट्रवादी सोच की नींव को और मजबूत कर गया। विशेषकर देश के ताज जम्मू-कश्मीर के कठुआ में भारत माता की मूर्ति के अनावरण से अखंड भारत बनाने का शंखनाद हुआ है। इसकी आवाज कुछ दूरी पर पाकिस्तान तक जरूर गई होगी।

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    हजारों ग्रामीण रहे उपस्थित

    मूर्ति स्थल पर अखंड भारत के नक्शे में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, तिब्बत सहित अन्य कुछ देशों से साफ है कि इन्हें दोबारा जोड़ने की मुहिम का संदेश पूरी दुनिया में भी गया है। गत रविवार को पहले शारदीय नवरात्र पर संघ प्रमुख ने हजारों ग्रामीणों की उपस्थिति में भारत माता की जयघोष के साथ आरती में भाग लेकर राष्ट्रवादी सोच रखने वालों को अपने कर्तव्य पूरा करने के लिए जगा दिया है।

    बता दें कि भागवत का जम्मू दौरा 13 से 15 अक्टूबर तक था। दशकों से देशद्रोही ताकतें सबसे ज्यादा जम्मू-कश्मीर में ही सिर उठाती रही हैं। चाहे वह आतंकवाद हो या वर्ष 1947 से लेकर अब तक हुए युद्ध। कठुआ जिला का जखबड़ वही गांव है जहां श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड भूमि आंदोलन में यहां के युवा नरेंद्र शर्मा ने छाती पर गोली खाकर बलिदान दिया था। इतिहास के पन्नों में कठुआ जिले का जिक्र राष्ट्रवादियों से भरा है।

    70 वर्ष पहले जम्मू-कश्मीर को भारत से पूर्ण विलय और एक विधान-एक निशान के लिए भारतीय जनसंघ संस्थापक डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने प्रवेशद्वार लखनपुर से आंदोलन का आगाज किया था और बाद में उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। यह जिला राष्ट्रवादी लोगों के लिए दर्शनीय, वंदनीय स्थल बन चुका है। दिवंगत डा. मुखर्जी की मूर्ति की स्थापना वर्ष 2019 में ही पूर्व मंत्री राजीव जसरोटिया के प्रयास से संभव हो पाई थी जब जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 हटाने की प्रक्रिया चली थी।

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