Move to Jagran APP

आरएसपुरा रेलवे स्टेशन और बिक्रम चौक पर फिर जीवित होगा इतिहास

जागरण संवाददाता जम्मू कभी चहल-पहल का केंद्र रहा सियालकोट-जम्मू रेलखंड का आरएसपुरा

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 08:35 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 08:35 AM (IST)
आरएसपुरा रेलवे स्टेशन और बिक्रम चौक पर फिर जीवित होगा इतिहास
आरएसपुरा रेलवे स्टेशन और बिक्रम चौक पर फिर जीवित होगा इतिहास

जागरण संवाददाता, जम्मू : कभी चहल-पहल का केंद्र रहा सियालकोट-जम्मू रेलखंड का आरएसपुरा रेलवे स्टेशन अब अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। रखरखाव के अभाव में आरएसपुरा रेलवे स्टेशन के काफी हिस्से पर कब्जा हो चुका। उसका अवशेष खंडहर के तौर पर रह गया है। इतिहास की इस धरोहर को फिर से जीवित करने के लिए भारतीय रेलवे ने प्रयास शुरू किया है। भारतीय रेलवे की महत्वाकांक्षी योजना के तहत खंडहर हो चुके आरएसपुरा रेलवे स्टेशन को म्यूजियम बनाने का फैसला किया है। इतना ही नहीं इतिहास को जीवित करने के लिए भारतीय रेलवे ने आरएसपुरा रेलवे स्टेशन से बिक्रम चौक तक ट्राम चलाने की योजना बनाई थी। पहले कभी सियालकोट से जम्मू (बिक्रम चौक) तक रेल चलती थी।

loksabha election banner

रेलवे की इस महत्वाकांक्षी योजना को कागजों से निकाल कर जमीन पर लाने के लिए फिरोजपुर डिवीजन के डिवीजन रेलवे मैनेजर राजेश अग्रवाल की देखरेख में पर्यटन विभाग जम्मू की निदेशक दीपिका कुमारी शर्मा, जम्मू रेलवे स्टेशन के एडिशनल डिवीजन रेलवे मैनेजर रमणीक सिंह, डीटीएम चेतन तनेजा, जम्मू रेलवे स्टेशन से रिटायर स्टेशन मास्टर वाईआर गुप्ता ने आरएसपुरा और बिक्रम चौक रेलवे स्टेशन में जाकर म्यूजियम और ट्रांप चलाने की संभावनाओं को तलाशा। एतिहासिक आरएसपुरा रेलवे स्टेशन में म्यूजियम और आरएसपुरा से विक्रम चौक तक ट्राम चलाने के लिए योजना पूर्व स्टेशन मास्टर वाईआर गुप्ता का है। भारतीय रेलवे ने इस काम का जिम्मा उन्हें ही सौंपा है। ऐतिहासिक धरोहर का संरक्षण जरूरी

जम्मू : पूर्व स्टेशन मास्टर वाईआर गुप्ता का कहना है कि उन्होंने फिरोजपुर डिवीजन के डीआरएम को प्रस्ताव भेज कर म्यूजियम और ट्राम चलाने की सलाह दी थी। उसके बाद डीआरएम ने वरिष्ठ अधिकारियों ने इस परियोजना पर दिलचस्पी दिखाई है। अब डीआरएम स्तर के अधिकारी ने स्वयं इन स्थलों का दौरा कर इस परियोजना की संभावना तलाशने के लिए काम शुरू किया है। 123 वर्ष पूर्व सियालकोट से जम्मू के बीच चलती थी रेल

अब पाकिस्तान का हिस्सा बने सियालकोट से करीब 123 वर्ष पूर्व रोजाना जम्मू के सीमावर्ती क्षेत्र आरएसपुरा से यात्री रेलगाड़ी चलती थी। देश के बंटवारे के बाद रेलगाड़ी के पहिए थम गए थे। वर्ष 1897 में सियालकोट के वजीराबाद जंक्शन से जम्मू के वेयर हाउस (अनाज मंडी) कहलाता है, के पास स्टेशन पर रुका करती थी। आरएसपुरा में सबसे बड़ी शुगर मिल होती थी। क्योंकि सियालकोट और आरएसपुरा इलाकों में लोग पहले 80 प्रतिशत गन्ने की फसल बोया करते थे। केवल 20 प्रतिशत ही बासमती हुआ करती थी। जम्मू का पुराना रेलवे स्टेशन, बिक्रम चौक यहां आधी भूमि पर एसआरटीसी का यार्ड बन गया है और आधे में कला केंद्र की भव्य इमारत।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.