Rohingyas In Jammu Kashmir: रोहिंग्या म्यांमार वापसी के लिए तैयार, लेकिन होल्डिंग सेंटर में रहना नहीं चाहते
जम्मू में पांच वर्षों से रह रहे रोहिंग्या युवक अब्दुल सलीम ने बताया कि उसके पड़ोसी को बीते शनिवार को जम्मू से कठुआ होङ्क्षल्डग सेंटर में ले जाया गया था। उसने अंतिम बार शाम परिवार से फोन पर बात की थी कि उसे हीरानगर जेल में ले जाया जा रहा।
जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू के विभिन्न शिविरों में रह रहे रोहिंग्या अपने घर (म्यांमार) वापसी के लिए तैयार हैं, लेकिन वे प्रशासन के होल्डिंग सेंटर में रहना नहीं चाहते। गत शनिवार प्रशासन की कार्रवाई के बाद रोहिंग्या शिविरों में रहने वाले लोगों को भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
रोहिंग्याओं के सबसे बड़े शिविर करेनी तालाब में 135 परिवार रहते हैं। यहां से 31 रोहिंग्या को होल्डिंग सेंटर में भेजा है। उनके परिवार के कुछ सदस्य अभी भी शिविर में रह गए है। करेनी तालाब से सामान लेकर पत्नी और छह बच्चों के साथ निकले अबू समहद ने बताया कि सभी ने फैसला लिया है कि अगर जाएंगे तो सभी एक साथ होल्डिंग सेेंटर जाएंगे। नहीं तो वे घर वापस चले जाएंगे।
बीते शनिवार प्रशासन कुछ चुनिंदा लोगों को हीरानगर जेल में बने होल्डिंग सेंटर ले जाया गया है। कई लोगों के छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाएं उनसे अलग हो गई हैं। सबके साथ ऐसी स्थिति न हो इसलिए शिविर में रहने वाले सभी लोगों ने बठिंडी में एकत्रित होने का फैसला किया है। शिविर छोड़कर जा रहे रोहिंग्या परिवारों को पुलिस कर्मियों ने समझाबूझा कर वापस भेज दिया।
होल्डिंग सेंटर से मोबाइल फोन और रुपये ले लिए गए: जम्मू में पांच वर्षों से रह रहे रोहिंग्या युवक अब्दुल सलीम ने बताया कि उसके पड़ोसी को बीते शनिवार को जम्मू से कठुआ होङ्क्षल्डग सेंटर में ले जाया गया था। उसने अंतिम बार शाम परिवार से फोन पर बात की थी कि उसे हीरानगर जेल में ले जाया जा रहा। जेल में प्रवेश करते हुए उनके मोबाइल फोन और नकदी को ले लिया जा रहा है। तब से ही उसका फोन बंद है।