मार्ग को चौड़ा व 4 KM तक टाइल, बाबा बर्फानी की यात्रा हुई और आसान; दर्शन कर आत्मविभोर हुए LG सिन्हा समेत कई श्रद्धालु
इस बार बाबा बर्फानी की यात्रा श्रद्धालुओं के लिए आसान हो गई है। बालटाल मार्ग को चौड़ा और पक्का किया गया है। दर्शन करके लौटे श्रद्धालु बाबा के अद्भुत रूप से खुश हैं। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर कई श्रद्धालुओं ने इस मार्ग से दर्शन किए और बेहतर प्रबंधों की सराहना की। इस बार यात्रा में पाँच लाख से ज़्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।

रोहित जंडियाल, जम्मू। बाबा बर्फानी की इस बार की यात्रा श्रद्धालुओं के लिए पहले से सुलभ होगी। संकरे और दुर्गम यात्रा मार्ग को न सिर्फ चौड़ा किया गया है, बल्कि बालटाल मार्ग पर पहले कुछ किलोमीटर तक के मार्ग को पक्का बना दिया गया है।
वहीं, बाबा बर्फानी के पहले दर्शन कर आए श्रद्धालु आत्मविभोर हैं और उनका कहना है कि इस बार बाबा अपने अलौकिक रूप में भवन में विराजमान हैं।
अमरनाथ में बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा तक पहुंचने के लिए दो रास्ते हैं। बालटाल और पहलगाम। बालटाल छोटा मार्ग है और इसकी दूरी मात्र 14 किलोमीटर ही है। इस मार्ग पर सुबह चलकर दर्शन कर शाम को वापस लौटा जा सकता है।
एक दिन पूर्व ज्येष्ठ पूर्णिमा पर दर्शन करने के लिए श्रद्धालु इसी मार्ग से गए। इस मार्ग से गाड़ी भी भवन तक पहुंचा दी गई है। श्रद्धालु गाड़ी से ही भवन तक रवाना हुए।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अतिरिक्त विश्व हिंदू परिषद के राज्य महासचिव अभिषेक गुप्ता, बजरंग दल के प्रधान कार्तिक सूदन, विश्व हिंदू परिषद के संगठन महामंत्री राजिंद्र कुमार, जम्मू-कश्मीर गौर रक्षा समिति अंबफला के अध्यक्ष राज कुमार गुप्ता और प्रांत कार्यकारिणी के सदस्य अपार शर्मा भी गए थे। सभी को पहली बार गाड़ी से बालटाल से भवन तक ले जाया गया था।
दर्शन कर वापस श्रीनगर में लौटे इन श्रद्धालुओं ने दैनिक जागरण को बताया कि इस बार बाबा बर्फानी अपने अलौकिक रूप में हैं। वे धन्य हैं कि उन्हें ज्येष्ठ पूर्णिमा पर दर्शन करने का अवसर मिला है। पहली बार है कि वे गाड़ी से बालटाल से लेकर भवन तक पहुंचे।
बजरंग दल के जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के प्रधान कार्तिक सूदन ने बताया कि इस बार यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बहुत ही बेहतर प्रबंध किए जा रहे हैं। बालटाल मार्ग पर पहले तीन से चार किलोमीटर तक टाइलें डाली गई हैं जिससे यह मार्ग पक्का हो गया है और अब इस पर चलना बहुत ही आसान हो गया है।
शेष दस किलोमीटर के मार्ग को भी काफी चौड़ा किया गया है ताकि घोड़े और पैदल चलने वाले दोनों ही आसानी के साथ भवन तक जा सकें। काली माता के पास पहले बहुत ही संकरा मार्ग होता था, लेकिन अब उसे भी चौड़ा किया गया है। यहां पर मार्ग पहले से अधिक सुरक्षित हो गया है।
उनका कहना है कि कई जगहों पर रेलिंग लगाई जा रही है। कई वर्ष से ज्येष्ठ पूर्णिमा पर दर्शन कर रहे सूदन का कहना है कि इस बार उन्हें व्यवस्था सबसे बेहतर लग रही है।
अपार शर्मा और अभिषेक गुप्ता का कहना है कि इस बार बाबा बर्फानी का दिव्य रूप भक्तों को अपनी और आकर्षित करेगा। यात्रा मार्ग में अभी प्रबंध किए जा रहे हैं, लेकिन इस बार बालटाल मार्ग काफी अच्छा और भक्तों के चलने के लिए सुलभ बनाया गया है।
तीन लाख से अधिक ने करवाया है पंजीकरण
इस बार बाबा अमरनाथ की यात्रा में भाग लेने के लिए देश भर से 3.31 लाख भक्तों ने ऑनलाइज पंजीकरण करवाया है। लेकिन दर्शनों के लिए हजारों श्रद्धालु ऐसे होते हैं जो कि मौके पर आकर ही पंजीकरण करवाते हैं। इस बार रेल सेवा भी श्रीनगर के लिए शुरू हो गई है।
ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही है कि पहलगाम हमले के बावजूद पांच लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए आ सकते हैं। अभी यात्रा मार्ग पर प्रबंध किए जा रहे हैं। उपराज्यपाल से लेकर अधिकारी तक स्वयं प्रबंधों की समीक्षा कर रहे हैं।
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