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Riyaz Naikoo: कश्मीर घाटी में पिछले चार सालों में मारे गए ये 12 टॉप मोस्टवांटेड आतंकवादी!

वादी में आतंकियों की बढ़ती तादाद पर रोक के लिए आवश्‍यक था कि इसकी लीडरशिप पर प्रहार किया जाए। यह रणनीति कारगर रही। पुलवामा के बाद जैश के सभी कमांडर बारी-बारी से मार गिराए गए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 08:24 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 08:46 PM (IST)
Riyaz Naikoo: कश्मीर घाटी में पिछले चार सालों में मारे गए ये 12 टॉप मोस्टवांटेड आतंकवादी!
Riyaz Naikoo: कश्मीर घाटी में पिछले चार सालों में मारे गए ये 12 टॉप मोस्टवांटेड आतंकवादी!

राज्‍य ब्‍यूरो, श्रीनगर : आतंकवाद के समूल नाश के लिए सेना ने पहले मिशन आलआउट और फिर मिशन आल क्‍लीयर चलाया। इसके तहत आतंकियों और उनके कमांडरों को खोज-खोजकर मारा गया। 2017 में आतंकी बुरहान वानी को मार गिराने के बाद सुरक्षाबलों ने घाटी में सक्रिय 12 मोस्टवांटेड आतंकियों की सूची तैयार की थी। इस सूची से एकमात्र चेहरा रियाज नाइकू ही बचा था। उसे भी सुरक्षाबलों ने बुधवार सुबह उसके गांव में ही मार गिराया। रियाज नाइकू के अलावा अगर इस सूची में कोई और अधिक समय तक रहा तो वह जाकिर मूसा था। मूसा को भी पिछले वर्ष 23 मई को त्राल में ढेर कर दिया गया था। 2014 के पहले से सक्रिय अधिकतर चेहरों का या ताे सफाया हो चुका है या फिर वह पाकिस्‍तान भाग चुके हैं।

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वादी में आतंकियों की बढ़ती तादाद पर रोक के लिए आवश्‍यक था कि इसकी लीडरशिप पर प्रहार किया जाए। यह रणनीति कारगर रही। बुरहान वानी की मौत के बाद सुरक्षाबलों ने बड़े आतंकियों को सीधा निशाने पर लिया और ढेर कर दिया। इसका सीधा असर कैडर के मनोबल पर भी दिखा। पुलवामा के बाद जैश के सभी कमांडर बारी-बारी से मार गिराए गए।

वादी में मारे गए प्रमुख आतंकी कमांडर: वर्ष 2010 में आतंकी बनने वाला कुलगाम का अयातुल्ला खुमैनी मई 2015 में मारा गया। इसी सितंबर 2015 में पाकिस्तानी आतंकी अबु कासिम भी मारा गया। कोयमू कुलगाम का दाऊद शेख सात मार्च 2016 में मारा गया। दाऊद का पड़ोसी आतंकी कमांडर माजिद जरगर 10 जनवरी 2017 को मारा गया।

बुरहान वानी: आतंकियों कमांडरों की उल्‍टी गिनती बड़े पैमाने पर हिजबुल के पोस्‍टर ब्‍वाय बुरहान वानी के साथ ही आरंभ हुई। बुरहान ने 15 साल की उम्र में ही आतंकी राह पकड़ ली थी और युवाओं को बरगलाता था। शीघ्र ही वह आतंकियों का पोस्‍टर ब्‍वाय बन गया। बुरहान वानी 8 जुलाई 2016 को कुलगाम में साथियों संग मारा गया।

जुनैद मट्टू: लश्‍कर कमांडर जुनैद मटटु 16 जून 2017 को अनंतनाग के बिजबेहाड़ा में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। उसने दो दर्जन से अधिक युवाओं को आतंकी बनाया और कई पुलिसकर्मियों पर भी हमले करवाए। उसके बाद से वह सुरक्षाबलों के निशाने पर था। वह 18 साल की उम्र में आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया था।

वसीम अहमद शाह: वसीम शाह सुरक्षा बलों पर कई हमले में शामिल रहा। वह स्‍कूल के दिनों से आतंकियों के मददगार के तौर पर सक्रिय था और बाद में सक्रिय सदस्‍य के तौर पर शामिल हो गया। उस पर भी 10 लाख का इनाम था और 13 अक्टूबर 2017 को पुलवामा के लित्तर क्षेत्र में मुठभेड़ में मारा गया।

अबु दुजाना: अबु दुजाना लश्कर का पाकिस्तानी कमांडर था। वह 2015 में अबु कासिम की मौत के बाद लश्‍कर का ऑपरेशनल कमांडर बन गया। अबु दुजाना अपने साथी आरिफ ललहारी संग पहली अगस्त 2017 को पुलवामा के हकरीपोरा में सुरक्षाबलों के हाथों मारा गया।

अबु हमास: पाकिस्‍तान आतंकी अबु हमास जैश का डिविजनल कमांडर था। वह सुरक्षाबलों पर कई हमलों में शामिल रहा था। 2017 में जाकिर मूसा ने हिजबुल से अलग होकर अंसार गजवात-उल हिंद (एजीएच) नामक नया संगठन खड़ा कर लिया। अबु हमास भी जैश छोड़कर एजीएच में शामिल हो गया। वह 17 मार्च 2018 को सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में मारा गया।

मोहम्मद यासीन इट्टु़ उर्फ गजनवी: मोहम्‍मद यासीन लंबे समय तक वादी में सक्रिय रहा। वह 1996 में हथियारों के प्रशिक्षण के लिए नियंत्रण रेखा के पार गया था और एक साल बाद वापस लौटा। उसे 2016 में हिजबुल का डिविजनल कमांडर बनाया गया। 14 अगस्‍त 2017 को दक्षिण कश्‍मीर के शोपियां जिले के अवनीरा में सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में ढेर हो गया।

सद्दाम पड्डर: बुरहान वानी का करीबी होने के कारण सद्दाम भी काफी चर्चित था। वह 2013 में आतंकी बना और छह मई 2018 को मुठभेड़ में मारा गया। उसने आतंकी बनने से कुछ साल पहले ही स्‍कूल बीच में छोड़ दिया था।

अल्ताफ अहमद काचरु: अल्‍ताफ हिजबुल के सबसे पुराने कमांडरों में से एक था। यह 2006 में आतंकवाद में शामिल हुआ था और 29 अगस्त 2018 को एक मुठभेड़ में मारा गया। अल्‍ताफ हिजबुल के टॉप कमांडरों में से एक था और उस पर 12 लाख का इनाम रखा गया था।

जीनत उल इस्लाम: जीनत आइडी एक्‍सपर्ट के तौर पर जाना जाता था। अलबदर आतंकी संगठन से जुड़ा रहा और उस पर 12 लाख का इनाम था। तकनीकी एक्‍सपर्ट होने के कारण काफी चर्चित रहा। वह 12 जनवरी 2019 को कुलगाम में मुठभेड़ में मारा गया।

जाकिर मूसा: जाकिर मूसा ने हिजबुल की पाकिस्‍तान परस्‍त नीतियों के खिलाफ बगावत कर अलग संगठन अंसार गजवात-उल हिंद (एजीएच)खड़ा किया। वह युवाओं में तेजी से चर्चित हो गया। उसके साथ जैश व लश्‍कर से भी लोग शामिल हो गए। वह अल कायदा से भी संपर्क में रहा। वह इस्‍लामिक शासन का हिमायती था। 23 मई 2019 को भी सुरक्षाबलों के हाथों ढेर हो गया।

नवीद जट्ट नवंबर 2018 को मारा गया है। फरवरी 2019 में जैश कमांडर कामरान गाजी और उससे पूर्व जैश कमांडर तलहा को भी सुरक्षाबलों ने मार गिराया था। 

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