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    NCRB 2023 की रिपोर्ट के अनुसार लद्दाख में में बढ़े अपराध, पुलिस की सख्ती से चार्जशीट दर भी ऊंची

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 10:10 PM (IST)

    केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख जो अपनी शांति के लिए जाना जाता था अब आपराधिक मामलों में वृद्धि का सामना कर रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार 2023 में 522 मामले दर्ज किए गए जो 2022 की तुलना में अधिक हैं। हालांकि पुलिस की सक्रियता से चार्जशीट दाखिल करने की दर भी ऊंची रही है।

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    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक लद्दाख में आपराधिक मामलों में वृद्धि हुई है (प्रतीकात्मक फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। देश में अपराध दर में पीछे रहने वाले केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में आपराधिक मामलों में वृद्धि हो रही है। कभी शांति के लिए महशूर लद्दाख क्षेत्र में क्राइम में वृद्धि एक चिंता का विषय है। लेकिन आपराधिक मामलों में कार्रवाई करने में लद्दाख पुलिस की सक्रियता अधिक है।

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    केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 2023 में कुल 522 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। यह जानकारी राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों में सामने आई है। डेटा के अनुसार, 2022 में अपराध के मामलों में गिरावट देखने को मिली थी। लद्दाख में तब 478 मामले दर्ज किए गए थे। लेकिन वर्ष 2023 में यह संख्या बढ़कर 522 हो गई। हालांकि ये मामले भी 2021 के 559 मामलों से कम है।

    डेटा के अनुसार लगभग तीन लाख की आबादी वाले लद्दाख में 2023 में 173.4 प्रति लाख की दर से संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए। इसके मायने यह हैं कि औसतन हर 577वां व्यक्ति किसी न किसी अपराध का शिकार हुआ। लेकिन राहत की बात यह है कि 2023 में चार्ज शीट दायर करने दर 85.6 प्रतिशत रही। यह दर्शाता है कि पुलिस द्वारा अधिकतर मामलों में जांच पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया।

    लद्दाख में वर्ष 2021 में 559 मामले दर्ज हुए थे। वर्ष 2022 में आपराधिक मामलों में कमी के चलते 439 मामले दर्ज हुए। लेकिन 2023 में 522 मामले दर्ज किए गए। इस दौरान चार्जशीट दर 98.6 प्रतिशत रही। लद्दाख में हत्या के 2 मामले, लापरवाही से मौतों के 56 मामलों के साथ महिलाओं से अपराध में बलात्कार 2, अपहरण के 6 मामले हुए हैं। इसके साथ बच्चों के लापता होने के भी 5 मामले सामने आए हैं।

    लद्दाख राज्य विरोधी, देशद्रोह का कोई मामला नहीं है। लेकिन दंगों के लिए 7 मामले दर्ज किए गए। इसमें से एक मामला समूहों के बीच दुश्मनी भड़काने से संबंधित था। अधिकारियों का कहना है कि भले ही लद्दाख की अपराध दर देश के अन्य राज्यों की तुलना में बहुत कम है। लद्दाख के सामरिक महत्व व कम आबादी को देखते हुए हर अपराध को गंभीरता से लिया जा रहा है।