Guru Purnima 2022: गुरु पूर्णिमा के अवसर पर जम्मू के विभिन्न मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रमों का हुआ आयोजन, शिष्यों ने गुरुओं से लिया आशीर्वाद
बिश्नाह के प्राचीन शिव मंदिर में भी महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 अनूप गिरि के शिष्यों ने भी उनके चरणों में शीश झुका कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। मंगलवार को कई लोगों ने अलग-अलग धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन कर अपने गुरुओं को नमन किया।

बिश्नाह, संवाद सहयोगी। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर भक्तों ने अपने-अपने गुरु चरणों में हाजिरी देकर गुरु-शिष्य की परंपरा को निभाते हुए अपने गुरु का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस धार्मिक अवसर पर राधा कृष्ण मंदिर रामबाग में आचार्य राजेंद्र प्रसाद की अगुवाई में एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें कईं भक्तों को उन्होंने दान दीक्षा दी व कईयों ने उनके चरणों में हाजिरी लगवा कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस अवसर पर वहां पर एक विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया था जिसमें भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। वहीं बिश्नाह के प्राचीन शिव मंदिर में भी महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 अनूप गिरि के शिष्यों ने भी उनके चरणों में शीश झुका कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि गुरु-शिष्य के इस पवित्र परंपरा के चलते लगभग हर उस शिष्य ने अपने गुरु के चरणों में शीश झुकाया है जो गुरु के बताए मार्ग पर चलते है।
मंगलवार को कई लोगों ने अलग-अलग धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन कर अपने गुरुओं को नमन किया। जिसमें लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। इस मौके पर श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर अनूप गिरि ने कहाकि यही गुरु शिक्षा है कि भक्तजन अच्छे कर्म करे वह फले फुले अच्छे रास्ते पर चलें सनातन धर्म का प्रचार करें और गुरु के बताए हुए रास्ते पर चलें लोगों का भला करे मुसीबत में फंसे लोगों का साथ दें यही हमारी शिक्षा है इसको ही अपनाएं।
गुरू पूर्णिमा पर गुरू का लिया आशीर्वाद
आरएसपुरा: गुरू पूर्णिमा का पर्व बुधवार को धूम धाम से मनाया गया। पावन अवसर पर भक्तों ने अपने गुरू का आशीर्वाद लिया। रामेश्र्वरधाम में भी गुरू पूर्णिमा के अवसर पर भक्तों की काफी भीड़ रही। सुबह से भक्त लंबी लंबी कतारों में खडे़ नजर आए। भक्तों ने अपने गुरू स्वामी प्रकाशानंद जी महाराज की आरती उतारने के साथ उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। स्वामी जी ने इस अवसर पर अपने भक्तों को अपने प्रवचनों से निहाल किया।
स्वामी प्रकाशानंद जी महाराज ने कहा कि गुरू बिना मनुष्य जीवन की मुक्ति मिलना असंभव है। उन्होंने कहा कि कि गुरू बिना किसी भी ज्ञान को पाना मुश्किल है। सही गुरू ही भक्त को प्रभु से मिला सकता है। उसे ज्ञान दे सकता है। स्वामी जी ने कहा कि हमें अच्छा गुरू चुनना चाहिए। उन्होंने असली और नकली नोट का उद्हारण देते हुए समझाया कि जिस तरह से बाजार में असली और नकली दो नोट मिलते है,पर कीमत असल की होती है,उसी तरह गुरू भी ऐसे हो सकते है। हमें इसकी पहचान करनी है। इस अवसर पर विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। वही दूसरी ओर गुरू के अवसर पर कई जगहों पर लंगर व प्रसाद के स्टाल लगाए गए।
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