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    एनआइए की विशेष अदालत ने इंटरनेट मीडिया पर छात्राओं की छवि खराब करने वालों की जमानत याचिका खारिज की

    By Lokesh Chandra MishraEdited By:
    Updated: Fri, 04 Mar 2022 05:10 PM (IST)

    एनआइए विशेष अदालत के जज जावेद आलम ने अनंतनाग निवासी इफ्तिखार अहमद डार और कुलगाम निवासी आबिद शफी मलिक की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। इन दोनों को ...और पढ़ें

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    आरोपित कश्मीरी छात्राओं के बारे में इंटरनेट मीडिया पर अत्यंत आपत्तिजनक सामग्री प्रकाशित की थी।

    श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी के विशेष अदालत ने वीरवार को इंटरनेट मीडिया का दुरुपयोग कर कश्मीरी छात्राओं की छवि और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के दो आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी। एनआइए विशेष अदालत के जज जावेद आलम ने अनंतनाग निवासी इफ्तिखार अहमद डार और कुलगाम निवासी आबिद शफी मलिक की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। इन दोनों को पुलिस ने 21 जनवरी, 2022 को गिरफ्तार किया था।

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    दोनों आरोपित देश के विभिन्न हिस्सों में पढ़ाई कर रही कश्मीरी छात्राओं के बारे में इंटरनेट मीडिया पर अत्यंत आपत्तिजनक सामग्री प्रकाशित की थी। इन्होंने कई कश्मीरी छात्राओं की तस्वीरें भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल की थी। इन दोनों ने जो बातें लिखी थी, उससे ने सिर्फ कई छात्राओं और उनके परिवार वालों की सामाजिक प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा था, बल्कि उनके लिए जान का संकट भी पैदा हो गया था। यह एक संगीन अपराध था।

    पीड़ित छात्राओं का संबंध जिला अनंतनाग से था। उन्होंने पुलिस में इस मामले की शिकायत की थी। पुलिस के साइबर सेल ने जल्द ही आरोपितों को चिह्नित कर लिया और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। एनआइए अदालत में दोनों आरोपितों ने जमानत के लिए याचिका दायर की थी। जज जावेद आलम ने जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि कोई भी मजहब किसी को भी किसी भी व्यक्ति विशेषकर महिलाओं के चरित्रहनन की इजाजत नहीं देता। इस्लाम में भी इसकी मनाही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आराेपितों का कृत्य बेशक राष्ट्रद्रोह के दायरे में नहीं आता, लेकिन यह लड़कियों के खिलाफ एक जंग के समान है ताकि उन्हें जीवन में आगे बढ़ने और उच्च शिक्षा प्राप्त करने से रोका जा सके।