Jammu News: आकाश में उत्तरी ध्रुव पर दिखा लाल रंग का प्रकाशपुंज
लद्दाख के हनले और मेराक में स्थापित खगोलीय वेधशाला ने आकाश में लाल रंग का ध्रुवीय प्रकाशपुंज (एरोरा) अपने कैमरों में कैद किया है। इस तरह के एरोरा सामान्य तौर पर उच्च आक्षांश वाले स्कैंडिनेविया क्षेत्र में ही देखे जाते थे। पांच नवंबर की रात वेधशाला के कैमरों ने इस लाल रंग के ज्योतिपुंज को कैमरे में कैद किया। विज्ञानियों के अनुसार रात 1040 बजे इसकी तीव्रता चरम पर थी।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। लद्दाख के हनले और मेराक में स्थापित खगोलीय वेधशाला ने आकाश में लाल रंग का ध्रुवीय प्रकाशपुंज (एरोरा) अपने कैमरों में कैद किया है। इस तरह के एरोरा सामान्य तौर पर उच्च आक्षांश वाले स्कैंडिनेविया क्षेत्र में ही देखे जाते थे। पांच नवंबर की रात वेधशाला के कैमरों ने इस लाल रंग के ज्योतिपुंज को कैमरे में कैद किया। विज्ञानियों के अनुसार, रात 10:40 बजे इसकी तीव्रता चरम पर थी। इससे पूर्व मई माह में भी लद्दाख की वेधशाला में ऐसी तस्वीरों को कैद किया गया था।
हनले के डार्क स्काई रिजर्व से प्रदूषण रहित आसमान से तारों को और साफ देखा जा सकता हैं। भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान द्वारा यहां संचालित वेधशाला में स्थापित बड़ी दूरबीनों व कैमरों से खगोलीय नजारों पर निरंतर नजर रखी जाती हैं। ऐसे में हनले में आल स्काई कैमरा ने पांच नवंबर की रात दस बजे से रात 11 बजे के बीच तीव्र लाल रंग के प्रकाश किरणों की कई तस्वीरें ली।
लाल ध्रुवीय रोशनी उत्तरी क्षितिज की ओर से देखी गई। मेराक में स्थापित वेधशाला में भी इन तस्वीरों को कैद किया गया। विज्ञानियों के अनुसार, सूर्य की ओर से कुछ कण टूटे और यह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के पास से गुजरे। इन सक्रिय कणों के चुंबकीय प्रभाव के पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से क्रिया के कारण यह प्रकाशपुंज दिखा। ऊंच आक्षांश वाले क्षेत्रों में यह प्रकाशपुंज हरे व नीले रंग के पर्दे की तरह दिखता है।
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