रतले जलविद्युत परियोजना के 29 कर्मियों का निकला आतंकी कनेक्शन, J&K पुलिस ने एजेंसी को लेटर लिख दी ये चेतावनी
किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर बन रही 850 मेगावाट की रतले जलविद्युत परियोजना में कथित तौर पर आतंकी संगठनों से जुड़े या आपराधिक पृष्ठभूमि वाले ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, जम्मू। किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर निर्माणाधीन 850 मेगावाट की रतले जलविद्युत परियोजना में कथित तौर पर आतंकी संगठनों से जुड़े, पूर्व आतंकी या आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 29 लोग काम कर रहे हैं। पुलिस का मानना है कि यह स्थिति किसी भी समय परियोजना के लिए खतरा बन सकती है। इसलिए ऐसे कर्मियों को काम पर रखने के फैसले पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।
पुलिस ने निर्माण एजेंसी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआइएल) को पत्र लिखकर चेताया है और जरा भी संदेह होने पर सूचित करने को कहा है।कुछ दिन पहले इस परियोजना में कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर विवाद हुआ था।
तब कंपनी के एक अधिकारी ने स्थानीय भाजपा महिला नेता और विधायक पर कर्मचारियों की नियुक्ति में दखलंदाजी का आरोप लगाते हुए काम बंद करने की धमकी दी थी। विधायक ने इन आरोपों को नकारा था। अब पुलिस के पत्र ने विवाद को नया मोड़ दे दिया है। राज्य में जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण पर पाकिस्तान हमेशा से आपत्ति जताता आया है।
षड्यंत्र रचते रहे हैं प्रदेश में सक्रिय आतंकी
प्रदेश में सक्रिय आतंकी भी इन जलविद्युत परियोजनाओं को नुकसान पहुंचाने का षड्यंत्र रचते रहे हैं। आपरेशन सिंदूर के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने इन जलविद्युत परियोजनाओं को लेकर पहले से ही एक अलर्ट जारी कर रखा है।नवंबर में एमईआइएल के महाप्रबंधक को लिखा गया पत्र किश्तवाड़ के एसएसपी नरेश सिंह ने पिछले माह नवंबर में एमईआइएल के महाप्रबंधक को पत्र लिखा है।
इसमें उन्होंने बताया कि जांच में पाया गया है कि परियोजना में 29 ऐसे लोग काम कर रहे हैं, जो आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं या उनके साथी रहे हैं और जिन पर देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। पत्र में इनके नाम-पते का उल्लेख करते हुए कहा गया है।
एसएसपी ने पत्र में कहा है कि ऐसे कर्मचारियों और श्रमिकों को काम पर रखने के फैसले पर पुनर्विचार जरूरी है, क्योंकि वे कुछ भी कर सकते हैं और प्रोजेक्ट के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
कोई आतंकी का बेटा तो कोई ओवरग्राउंड वर्कर
सूत्रों के अनुसार, जिन 29 लोगों को चिह्नित किया गया है, उनमें से पांच कथित तौर पर आतंकी संपर्क और ओवरग्राउंड वर्कर के नाम पर सूचीबद्ध हैं। इनमें से तीन कर्मी पुराने आतंकी के रिश्तेदार हैं। एक ओवरग्राउंड वर्कर का बेटा और एक आत्मसमर्पण कर चुके आतंकी का बेटा भी है। एक अन्य पर पानी के एक स्त्रोत को जानबूझकर दूषित करने, नकली दस्तावेज तैयार करने का आरोप है। 23 अन्य की आपराधिक पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि उन्होंने आम लोगों और सार्वजनिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचाते हुए कई निजी लोगों के लिए भी खतरा पैदा किया है, कई बार कानून व्यवस्था का संकट पैदा किया है।
संदिग्ध गतिविधि नजर आने पर पुलिस को देंगे सूचना
एमईआइएल के चीफ आपरे¨टग आफिसर हरपाल सिंह ने कहा कि हमने एसएसपी को सूचित किया है कि कोई भी संदिग्ध गतिविधि नजर आने पर रिपोर्ट की जाएगी। रही बात किसी को हटाने की तो वह अभी संभव नजर नहीं आता। हम किस कानून के तहत उन्हें हटाएं, अगर किसी का कोई रिश्तेदार आतंकी है, या था या फिर आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में शामिल हुआ है तो इसमें उसका क्या कसूर?
जिस व्यक्ति के खिलाफ अदालत में कोई अपराध साबित नहीं हुआ हो, उसके खिलाफ कैसे कार्रवाई करें। अगर छंटनी करेंगे तो वह अदालत में जाएंगे और यहां एक नई समस्या पैदा होगी। वैसे भी जिन लोगों की बात हो रही है, उन्हें मेरे यहां काम संभालने से पहले भर्ती किया गया था।

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