हृदय रोगों की प्राथमिक रोकथाम है सबसे बड़ी चुनौती, हार्ट अटैक के रिस्क को कम करने के लिए एक्सपर्ट की राय
आजकल हृदय रोग एक बड़ी समस्या है, और इसकी प्राथमिक रोकथाम सबसे महत्वपूर्ण है। हार्ट अटैक के खतरे को कम करने के लिए विशेषज्ञों की सलाह का पालन करना चाहिए। स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, तनाव से दूर रहना, और नियमित जांच कराना आवश्यक है।

डॉ. सुशील शर्मा ने कहा कि धूम्रपान और शराब से भी बचना चाहिए।
राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में हृदय रोग विभाग के एचओडी डॉ. सुशील शर्मा ने कहा कि हृदय स्वास्थ्य की प्राथमिक रोकथाम आधुनिक चिकित्सा की सबसे प्रभावी और दूरदर्शी रणनीति है।
ये बीमारी शुरू होने से पहले ही जोखिम कारणों की पहचान कर जीवनशैली में सुधार के माध्यम से हृदय को मजबूत बनाती है। उन्होंने बताया कि संतुलित आहार—फलों, सब्ज़ियों, साबुत अनाज, कम वसा वाले प्रोटीन और हेल्दी फैट्स से भरपूर भोजन—रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखता है और एथेरोस्क्लेरोसिस की प्रगति रोकता है।
साथ ही, नियमित शारीरिक गतिविधि से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल कम, एचडीएल कोलेस्ट्राल बढ़ता है, इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार होता है और रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
डॉ. सुशील शर्मा ने यह बातें शिव मंदिर कंडोली खानपुर, नगरोटा, जम्मू में एक दिवसीय हृदय स्वास्थ्य जागरूकता व जांच शिविर में कहीं। इस शिविर का उद्देश्य हृदय रोगों से होने वाली मृत्यु और जटिलताओं को कम करने के लिए प्राथमिक रोकथाम के महत्व को जन-सामान्य तक पहुंचाना था।
हृदय स्वास्थ्य के लिए यह है जरूरी
डॉ. सुशील ने कहा कि उचित वजन बनाए रखना, तंबाकू से पूरी तरह दूर रहना और रक्तचाप, शुगर तथा लिपिड प्रोफाइल की नियमित जांच हृदय रोगों के खतरे को काफी हद तक कम करते हैं। तनाव नियंत्रण, उचित नींद, और मानसिक संतुलन भी हृदय स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।
उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्तर पर जागरूकता और स्वास्थ्य शिक्षा अत्यंत आवश्यक है ताकि लोगों को अपने व्यक्तिगत जोखिम और समय पर देखभाल के महत्व का ज्ञान हो सके। इससे न केवल एक स्वस्थ समुदाय का निर्माण होता है बल्कि हृदय रोगों के मामलों में भी उल्लेखनीय कमी आती है।
जीवनशैली है अहम
उन्होंने कहा कि हृदय स्वास्थ्य में प्राथमिक रोकथाम केवल एक चिकित्सीय सुझाव नहीं है बल्कि एक परिवर्तनकारी जीवन पद्धति है जो दैनिक आदतों को सुदृढ़ करके, छिपे हुए जोखिम कारणों को नियंत्रित करके और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देकर व्यक्तियों को भविष्य में होने वाली बीमारियों से बचाती है।
इन उपायों को लगातार अपनाकर, समाज हृदय रोग के बोझ को कम कर सकता है, स्वस्थ जीवन काल को बढ़ा सकता है और एक ऐसे भविष्य का निर्माण कर सकता है जहां मज़बूत हृदय और सुविचारित जीवनशैली अपवाद के बजाय आदर्श बन जाएं।
स्वास्थ्य जांच के साथ किया जा रहा जागरूक
क्षेत्र के प्रमुख सदस्य रिशि शर्मा, शंभू नाथ शर्मा, पृथ्वी शर्मा, मुकेश शर्मा और निशिकांत शर्मा ने शिविर आयोजित करने के लिए डॉ. सुशील और उनकी टीम के प्रयासों की सराहना की। शिविर में डा. वेंकटेश येल्लुपु और डा. आदित्य शर्मा सहित कई पैरामेडिक्स व स्वयंसेवक—कमल शर्मा, रंजीत सिंह, राजकुमार, गौरव शर्मा, राजिंदर सिंह, शुभम शर्मा, परमवीर सिंह, गोकुल जम्वाल, सुरवेश्वर डोगरा, मुकेश कुमार, राहुल वैद और विकास कुमार ने भाग लिया। सदस्यों ने कहा कि समय-समय पर आयोजित किए जा रहे इन शिविरों में लोगों के स्वास्थ्य जांच के साथ उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है।

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