जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बिजली की कमी का खतरा, अधिकारियों ने दी चेतावनी; जानिए पूरी डिटेल
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बिजली की कमी का खतरा मंडरा रहा है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर ऊर्जा संसाधनों का सही प्रबंधन नहीं किया गया तो स्थिति ...और पढ़ें

बिजली संकट पर काबू पाने के लिए समय रहते उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।
जागरण संवाददाता, जम्मू। लगातार ठंडे तापमान के बीच जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में दिसंबर महीने में 34 प्रतिशत से ज़्यादा बिजली की कमी होने की संभावना है।
अधिकारियों का कहना है कि दिसंबर-2025 के लिए उत्तरी क्षेत्र में अनुमानित बिजली सप्लाई की स्थिति में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 34.2 प्रतिशत बिजली की कमी होने की संभावना है।
अधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 3737 मेगावाट की जरूरत के मुकाबले सिर्फ 2460 मेगावाट की उपलब्धता है। इससे यह भी पता चलता है कि 1277 मेगावाट की कमी है। एक और अधिकारिक दस्तावेज में लिखा है कि सर्दियों में बढ़ोतरी के साथ जेके कंट्रोल एरिया की डिमांड बढ़ रही है और यह लगभग 3200 मेगावाट के आसपास है।
इसमें यह भी कहा गया है कि सुबह और रात के समय हीटिंग लोड भी बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में डिमांड और बढ़ सकती है। यह देखा गया है कि कश्मीर घाटी के अलग-अलग स्टेशनों पर 400 किलोवाट और 220 किलोवाट बीयूएस वोल्टेज बहुत कम रह रहे हैं जो 347 किलोवाट और 178 किलोवाट तक पहुंच रहे हैं।
आपको बता दें कि नवंबर में अधिकारियों ने अनुमान लगाया था कि साल 2034-35 तक जम्मू और कश्मीर में बिजली की ज्यादा मांग होगी। अधिकारी ने साफ किया था कि पीक डिमांड एवरेज ग्रोथ से ज्यादा होगी। उन्होंने कहा कि इस इलाके में 2025-26 से 2034-2035 तक हर साल बिजली की डिमांड में 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है।
बिजली की मांग में साल दर साल बढ़ोतरी की दर बताते हुए अधिकारियों ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर में साल 2025-26 में पांच प्रतिशत ज़्यादा मांग होगी। इसके बाद साल 2026-27 में चार प्रतिशत, 2027-28 में चार प्रतिशत, 2028-29 में तीन प्रतिशत ज़्यादा मांग होगी।
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