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Jagran Special : खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से पूछे- बता तेरी रजा क्या है...

वह जम्मू की एकमात्र महिला हैं जो होम फर्नीशिंग के कारोबार में है। अकेले अपने दम पर कारोबार संभाल रही है। पूजा कपूर के हौसले का अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि राजा-महाराजाओं के समय के इस बाजार के दुकानदारों ने वर्ष 2017 में उन्हें अपना अध्यक्ष चुना।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 08:26 PM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 08:26 PM (IST)
Jagran Special : खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से पूछे- बता तेरी रजा क्या है...
जम्मू के रेजीडेंसी रोड पर होम फर्नीशिंग की दुकान चलाने वाली पूजा कपूर ने मिसाल कायम कर दिया

जम्मू, ललित कुमार : खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से पूछे- बता तेरी रजा क्या है...। अल्लामा इकबाल की ये पंक्तियां तो सुनी ही होगी, लेकिन जो इसे जिंदगी का मकसद बना लेते हैं, वह एक दिन अपनी मंजिल पा ही लेते हैं। ऐसा ही कुछ जम्मू के रेजीडेंसी रोड पर होम फर्नीशिंग की दुकान चलाने वाली पूजा कपूर ने कर दिखाया है। वह जम्मू की एकमात्र ऐसी महिला हैं जो होम फर्नीशिंग के कारोबार में है और अकेले अपने दम पर पूरा कारोबार संभाल रही है। पूजा कपूर के हौसले का अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि राजा-महाराजाओं के समय के इस बाजार के दुकानदारों ने वर्ष 2017 में उन्हें अपना अध्यक्ष चुना। तब से वह पूरी सफलता के साथ बाजार के सैकड़ों दुकानदारों का नेतृत्व कर रही हैं।

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सफलता का यह सफर पूजा कपूर के लिए आसान नहीं था। दो फरवरी, 1977 को जन्मी पूजा कपूर बताती हैं कि वह तीन बहनें हैं और उनके पिता जय मनमोहन कपूर ने 1964 में रेजीडेंसी रोड पर कपूर फर्नीशिंग के नाम से दुकान स्थापित की थी, जिसे आज वह चला रही हैं। बीएससी करने के बाद फैशन डिजाइनिंग कोर्स करने वाली पूजा अरीना मल्टीमीडिया में काम कर रही थी कि इस दौरान वर्ष 2002 में उनके पिता का 54 साल की उम्र में निधन हो गया। गांधी नगर जैसे पॉश इलाके में जन्मी व पली-बड़ी पूजा बताती हैं कि उनके परिवार, खासतौर पर रिश्तेदार नहीं चाहते थे कि वह पिता की दुकान चलाए, लेकिन उन्होंने फैसला किया कि वह अपने पिता का नाम मिटने नहीं देंगी।

उनकी बड़ी बहन के ससुर ने इसमें काफी सहयोग किया और उनके रिश्तेदारों को समझा-बुझा कर किसी तरह राजी किया। पूजा बताती हैं कि 21वीं सदी में भी लड़कियों के काम करने, खासतौर पर बाजार में एक दुकान चलाने का रिश्तेदारों में काफी विरोध भी हुआ, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। जब दुकान पर बैठने लगी तो बाजार के कुछ दुकानदारों को भी आंख में खटकने लगी। इन सब चुनौतियों का सामना करते हुए उन्होंने अपना सफर जारी रखा, क्योंकि उनके पिता ने सिखाया था कि बेटा "सिर झुकाना, घुटने नहीं'। पूजा बताती हैं कि धीरे-धीरे बाजार के अन्य व्यापारियों का सहयोग मिलना शुरू हुआ और 15 साल के संघर्ष के बाद बाजार के दुकानदारों ने उन्हें अपना प्रधान भी चुन लिया।

चार साल पहले आई थी सुर्खियों में : पूजा कपूर पहली बार 2017 में ही सुर्खियों में आई, जब प्रशासन ने रेजीडेंसी रोड से वाहनों की पार्किंग हटाने का फैसला लिया। इसे लेकर बाजार में काफी हंगामा हुआ था और दुकानदारों ने इसका कड़ा विरोध किया। तब पूजा कपूर ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा संभाला और दुकानदारों के हितों के लिए जिला प्रशासन से सीधी टक्कर ले ली। जम्मू में यह एकमात्र बाजार है जहां पार्किंग को लेकर हंगामा हुआ और एकमात्र ही ऐसा बाजार है, जिसकी अध्यक्ष एक महिला है। आखिरकार कुछ शर्तों के साथ प्रशासन को दुकानदारों की बात माननी पड़ी।

कैट महिला इकाई की है संयोजक : पूजा कपूर इस समय कांफेडरेशन आफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की जम्मू-कश्मीर व लद्दाख की महिला इकाई की संयोजक भी है। व्यापार व व्यापारियों के प्रति पूजा कपूर की निष्ठा व मेहनत को देखते हुए कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेशाध्यक्ष नीरज आनंद ने इस साल शुरू में जब महिला इकाई का गठन किया तो उसकी जिम्मेदारी पूजा कपूर को सौंपी। आज पूजा कपूर कैट में भी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।


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