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    Amit Shah की बारामुला रैली को NC नेता का मिला समर्थन, जानें क्या है पूरी कहानी

    नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व वरिष्ठ नेता मुश्ताक बुखारी पहले से ही पार्टी को छोड़ चुके हैं और पहाड़ियों को एसटी का दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर भाजपा का समर्थन खुले तौर पर कर रहे हैं। नेशनल कांफ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है।

    By vikas abrolEdited By: Vikas AbrolUpdated: Mon, 03 Oct 2022 05:59 PM (IST)
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    केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपने तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे के दौरान पहाड़ी समुदाय को एसटी का दर्जा दे सकते हैं।

    जम्मू, जेएनएन। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपने तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे के दौरान पहाड़ी समुदाय को एसटी का दर्जा दे सकते हैं। उनके दौरे से पहले ही राजनीति गर्मा गई है। पहाड़ी समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने की संभावना से नेशनल कांफ्रेंस के भीतर भी असंतोष पैदा होना शुरू हो गया है। यहां तक कि गुज्जर बक्करवाल समुदाय ने शोपियां में आज प्रदर्शन किया। हैरानगी की बात यह है कि नेशनल कांफ्रेंस के एक वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक कफील उर रहमान ने लोगों से अमित शाह की रैली में बढ़चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले समुदाय है और बात में राजनीति। हम सभी को इकट्ठे होकर बारामुला की रैली में अपनी ताकत दिखानी चाहिए। रहमान ने कहा कि अगर हम अब पहाड़ी समुदाय के लोगों को एसटी का दर्जा नहीं मिला तो फिर कभी नहीं मिलेगा। रहमान दो बार नेशनल कांफ्रेंस के विधायक रह चुके हैं। उन्होंने अपने समर्थकों के लिए 20 बसों का प्रबंध करने की भी तैयारी की जो विभिन्न क्षेत्रों से लोगों को बारामुला पहुंचाएंगी।

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    नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व वरिष्ठ नेता मुश्ताक बुखारी पहले से ही पार्टी को छोड़ चुके हैं और पहाड़ियों को एसटी का दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर भाजपा का समर्थन खुले तौर पर कर रहे हैं। वहीं नेशनल कांफ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि उन्हें कफील उर रहमान के बयान बारे जानकारी नहीं है। यह पार्टी का फैसला नहीं है। मैं रहमान के बयान को देखने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा। इतना ही नहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर बेग ने भी पहाड़ी समुदाय के लोगों से रैली में बढ़चढ़कर भाग लेने के लिए कहा है। बेग भी पहाड़ी नेता हैं और उन्होंने नवंबर 2020 में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पीडीपी से त्यागपत्र दिया था। बेग ने वीडियो संदेश में कहा है कि अगर पहाड़ी समुदाय को एसटी का दर्जा मिलता है तो यह एक ऐतिहासिक फैसला होगा। उम्मीद है कि अमित शाह इस लंबित मांग को पूरा करेंगे।

    महबूबा मुफ्ती ने गत दिवस इसके लिए भाजपा की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि भाजपा आरक्षण का मुद्दा छेड़कर दो समुदायों को आपस में लड़ाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने पहाड़ी और गुज्जर बक्करवाल समुदायों से एकजुट होकर रहने की अपील भी की थी। राजौरी और पुंछ जिलों में भी इस मुद्दे पर राजनीति काफी गर्मा चुकी है।