जम्मू: रगूड़ा मंदिर की सुरक्षा के लिए पुलिस कर्मी तैनात, मूर्तियों को खंडित करने के आरोप में छह गिरफ्तार
सड़क से करीब दो किलोमीटर तक पहाड़ी चढ़ कर वहां जाना पड़ता है जिस कारण से यहां आबादी बहुत कम है। उन्होंने कहा कि मंदिर के कुछ दूरी पर जम्मू के पहाड़ी क्षेत्रों से आए कुछ लोग रहते है जो मधु मक्खियों का पालन का काम करते है।

जम्मू, जागरण संवाददाता। बाग-ए-बाहू थानातंर्गत रंगूड़ा इलाके में तवी नदी के किनारे जंगल क्षेत्र में स्थित लक्ष्मी नारायण के मंदिर में हुई तोड़फाेड़ की घटना के बाद पुलिस ने वहां सुरक्षा के लिए जवानों को तैनात (गार्ड) तैनात कर दी है। लक्ष्मी नारायण मंदिर पहाड़ी पर बना हुआ है। उक्त क्षेत्र में आबादी भी बहुत कम है, जिसका लाभ उठाते हुए शरारती तत्वों ने इस वारदात को अंजाद दिया है।
एसपी ममता शर्मा ने बताया कि मंदिर में एहतियात के तौर पर सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। मंदिर परिसर में कोई भी नहीं रहता है। मंदिर की देखभाल करने वाला परिवार भी कुछ दूर रहता है। घटना स्थल से सबूतों को जुटा लिया गया है। इस मामले में छह लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ के दौरान अहम सुराग मिलने की उम्मीद है। मामले से जुड़े सुबूतों को जुटा कर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।
वहीं रगूड़ा में रहने वाले मोहन सिंह का कहना है कि लक्ष्मी नारायण जी के इस मंदिर में जाने के लिए सड़क मार्ग नहीं है। सड़क से करीब दो किलोमीटर तक पहाड़ी चढ़ कर वहां जाना पड़ता है, जिस कारण से यहां आबादी बहुत कम है। उन्होंने कहा कि मंदिर के कुछ दूरी पर जम्मू के पहाड़ी क्षेत्रों से आए कुछ लोग रहते है जो मधु मक्खियों का पालन का काम करते है। इस मंदिर में कुछ वर्ष पूर्व भी मूर्तियों को साजिश के तहत खंडित किया है, ताकि स्थानीय लोगों को खोफ उत्पन्न हो सके।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से मंदिर में मूर्तियां तोड़ी गई है उससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि हमलावरों की संख्या तीन से चार रही होगी। मंदिर के प्रवेश द्वार पर कालीवीर की मूर्ति स्थापित थी, जिसे पूरी तरह से तोड़ दिया गया है। मंदिर में स्थापित माता की मूर्ति को तोड़कर बाहर फेंका गया है और गणेश जी की मूर्ति को तोड़ने का भी प्रयास किया गया है।
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