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    कवियों ने अपनी रचनाओं से पेश की स्वतंत्रता संग्राम की झलक, आजादी के 75वें वर्षगांठ पर कवि गोष्ठी

    By Lokesh Chandra MishraEdited By:
    Updated: Mon, 22 Aug 2022 04:19 PM (IST)

    कवियों ने रचनाओं से स्वतंत्रता संग्राम की तस्वीर भी पेश की और बताया कि जिस आजादी को आज हल्के में लिया जा रहा है। उसके लिए कई कुर्वानियां दी गई हैं। गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डा. बलजीत रैना ने की। एडवोकेट जनरल डीसी रैना कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।

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    कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम की तस्वीर भी पेश की

    जम्मू, जागरण संवाददाता : आजादी के 75वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर साहित्यिक एवं सामाजिक मंच आओ खुशियां बांटें की ओर से कवि गोष्ठी का आयोजन किया। इसमें कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से अपने दिल की बात कही। कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम की तस्वीर भी पेश की और बताया कि जिस आजादी को आज हल्के में लिया जा रहा है। उसके लिए कई कुर्वानियां दी गई हैं।

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    गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डा. बलजीत रैना ने की। एडवोकेट जनरल डीसी रैना कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। मंच के संस्थापक एवं संचालक रतन सहगल ने अतिथियों का धन्यवाद किया। उन्होंने आओ खुशियां बांटे के आगामी कार्यक्रमों का भी विवरण दिया। जिन कवियों ने अपनी रचनाएं पढ़ी उनमें यशपाल निर्मल, संजीव भसीन, यंग एस बर्मन, पवन खजूरिया, शेख मोहम्मद कल्याण, रतन सहगल रत्न, प्यासा अंजुम, राजेश गुप्ता, भूपेंद्र सिंह भार्गव, बलजीत ङ्क्षसह रैना शामिल थे। मंच के मुख्य सचिव शेख मोहम्मद कल्याण ने सबका धन्यवाद किया।

    पंजाबी लेखक सभा ने किया पुस्तकों का विमोचन : पंजाबी लेखक सभा (पीएलएस), जम्मू ने रविवार को दो पुस्तकों पंजाबी लेख संग्रह खोज और प्रीतम सिंह अंजान के लघु कहानी संग्रह 'मुआवजा का विमोचन किया। जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी के अतिरिक्त सचिव डा. अरविंद सिंह अमन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। भाजपा नेता विक्रम सिंह रंधावा वशिष्ठ अतिथि थे। कुसम संधू और हरप्रीत कौर द्वारा दो विश्लेषणात्मक मूल्यांकन पत्र प्रस्तुत किए गए। अध्यक्ष पीएलएस डा. मोनोजीत ने गणमान्य व्यक्तियों और अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया।

    अध्यक्षीय भाषण में डा. अरविंदर सिंह अमन ने प्रीतम सिंह अंजान की दो पंजाबी पुस्तकों की विमोचन सामग्री के गुणात्मक मूल्यों पर जोर दिया। एस. प्रीतम सिंह अंजान ने उनके विचार और रचनात्मक प्रक्रिया पर अपने विचार व्यक्त किए, और उनकी दो लघु कथाएं भी पढ़ीं। रंधावा, राजनीतिक नेता सरूप ङ्क्षसह और अन्य वक्ताओं ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की कार्यवाही का संचालन महासचिव पीएलएसजे डा. बलजीत सिंह रैना ने किया। पीएलएस-जे के पूर्व अध्यक्ष देविंदर सिंह विश्व नाग्रिक ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया।