सीएम उमर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताए जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात, मोदी बोले- हर संभव सहयोग मिलेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में बाढ़ से हुए नुकसान पर हर संभव मदद का भरोसा दिया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया और स्थिति सामान्य करने को प्राथमिकता बताया। उन्होंने चौथे तवी पुल के नुकसान का तकनीकी आकलन करने और प्रभावितों के पुनर्वास के लिए योजना बनाने पर जोर दिया।
राज्य ब्यूरो,जागरण, जम्मू। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू कश्मीर में बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुक्सान के मददेनजर हर संभव सहयोग का यकीन दिलाया है।
यह जानकारी बुधवार को स्वयं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दी। मुख्यमंत्री ने चौथे तवी पुल के क्षतिग्रस्त अंतिम हिस्से का तत्काल तकनीकी मूल्यांकन करने और बाढ़ से क्षतिग्रस्त मकानों व प्रभावित परिवारों की मदद सुनिश्चित बनाने के लिए एक समग्र और व्यावहारिक पुनर्वास योजना बनाए जाने पर भी जोर दिया है।
आज यहां बाढ़ से प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद मुख्मयंत्री ने कहा कि प्रभावित इलाकों में स्थिति को सामान्य बनाना हमारी पहली प्राथमिकता है।
आपको बता दें कि गत सोमवार से जम्मू प्रांत मे जारी बारिश ने व्यापक नुक्सान पहुंचाया है। इस दौरान जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित दो महत्वूर्ण पुल क्षतिग्रस्त हो गए। जम्मू में चौथा तवी पुल क्षतिग्रस्त हो गया और कई नीचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई।
हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
लगभग पांच हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इस दौरान श्री माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन में 34 लोगों की मौत हो गई जबकि अन्यत्र नौ अन्य लोगों की मौत हई। सैंकडो कनाल कृषि भूमि को नुक्सान पहुंचा है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला आज सुबह ही श्रीनगर से जम्मू पहुंचे। उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद मीउियो से बातचीत में कहा कि मैंने कुछ देर पहले ही प्रधानमंत्री से बात की है। मैंने उन्हें स्थिति से अवगत कराया।
मैं एनडीआरएफ टीमों की तैनाती के लिए उनका धन्यवाद करता हूं। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी।मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को निरंतर सहायता के उनके आश्वासन के लिए आभारी हूं।
कल जो हालात थे, वह काफी गंभीर थे
मुख्यमंत्री ने कहा कि कल जो हालात थे, वह काफी गंभीर थे, लेकिन आज बारिश रूक जाने के बाद थोड़ी राहत मिली है। चाथे तवी पुल की तरफ संकेत करते हु उन्होंने कहा कि बाढ़ से हुआ नुकसान आपके सामने है। यह पुल क्षतिग्रस्त हो गया है।
अब निचले इलाकों में पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह पुल वर्ष 2014 की बाढ़ में भी क्षतिग्रस्त हुआ था। मैने मंडलायुक्त को इसके बारे में बताया और आज फिर इसी जगह यह पुल क्षतिग्रस्त हुआ है, क्यों? इसका पता लगाने के लिए हम इसका तकनीकी आकलन करेंगें। विशेषज्ञ टीमों को काम पर लगाना होगा। हमें ऐसे उपाय करने होंगे जिससे यह दोबारा न हो।
नदी के किनारे बसे घर हमेशा खतरे में रहेंगे
नदियों के आस पास और बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों में हुए नुक्सान पर उन्होंने कहा कि जब भी भारी बारिश होगी, नदी के किनारे बसे घर हमेशा खतरे में रहेंगे। हमें इस बारे में कुछ करना होगा। पहले हम मौजूदा स्थिति से निपटेंगे और बाद में उस पर गौर करेंगे।
भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ के बाद अन्य जिलों की स्थिति का जिक्र करते हुए, उन्होंने कहा कि कुछ दिनों से स्थिति खराब थी, खासकर जम्मू, सांबा और कठुआ के निचले इलाकों के अलावा उधमपुर और डोडा व किश्तवाड़ में नदियों के पास के इलाकों में।कुछ जिले, जहां नुकसान होने की आशंका थी, उन्हें बचा लिया गया। राजौरी और पुंछ इलाके ठीक हैं।
पहले बारिश से जुड़ी समस्या से बाहर निकल लें फिर राहत पैकेज तय करेंगे
बाढ़ से क्षतिग्रस्त मकानों के मुआवजे संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले, आइए हम इस बारिश से जुड़ी समस्या से बाहर निकलें। इसके बाद घरों को हुए नुकसान का आकलन किया जाएगा। उसके बाद एक पैकेज तैयार किया जाएगा।
लेकिन हमे यह ध्यान रखना चाहिए कि बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों में,नदी नालों के आस पास मकान बनाने से बचना होगा, जो लोग इन इलाकों में बसे हैं, उन्हें कहीं और बसाना होगा,जब भी बाढ़ आती है, उनके घर बार-बार क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इससे पूर्व उन्होंने जम्मू के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर जमीनी हालात का आकलन किया ।
बचाव कार्य में सभी आवश्यक कदम उठाने के दिए निर्देश
प्रशासन को संवेदनशील इलाकों में लोगों की जान बचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। उनके साथ खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, परिवहन मंत्री सतीश शर्मा भी थे।
मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरज गुप्ता, जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार, जम्मू क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक भीम सेन टूटी, जम्मू के उपायुक्त डा राकेश मिन्हास, अतिरिक्त उपायुक्त अनसूया जमवाल और अन्य जिला अधिकारी भी उपस्थित थे।
मंडलायुक्त रमेश कुमार और जिला उपायुक्त राकेश मिन्हास ने मुख्यमंत्री को चल रहे बचाव कार्यों, अस्थायी आश्रय स्थलों की कार्यप्रणाली, रसद आपूर्ति और अंतर-विभागीय समन्वय के बारे में जानकारी दी।
दूरसंचार सेवाओं को तुरंत बहाल करने के भी दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने बीएसएनएल और निजी दूरसंचार ऑपरेटरों जियो नेटवर्क और एयरटेल को जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट और दूरसंचार सेवाओं को तुरंत बहाल करने के निर्देश भी दिए, जिससे जम्मू-कश्मीर में कामकाज और संचार बाधित हुआ है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि संकट और आपातकाल के समय संचार नेटवर्क का सुचारू रूप से काम करना और भी महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग और जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर यातायात बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम तत्काल उठाए जाएँ ताकि फंसे हुए वाहनों को निकाला जा सके और यातायात को प्राथमिकता के आधार पर बहाल किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को सभी प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी और सड़क मार्ग बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर काम करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर के लिए एक व्यापक राहत पैकेज जल्द ही तैयार किया जाएगा।
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