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    Jammu: आसमान में कबूतरों ने भरी उड़ान, जम्मू में आयोजित हुई सबसे बड़ी प्रतियोगिता

    By Rahul SharmaEdited By:
    Updated: Fri, 21 May 2021 11:43 AM (IST)

    जम्मू में कबूतरबाजी का खेल सदियों पुराना है। सदियों से शहर के विभिन्न हिस्सों में युवाओं के बीच यह प्रतियोगिता आयोजित होती आ रही है। यूं तो शहर के लगभ ...और पढ़ें

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    शाम को जीत के जश्न में आतिशबाजी भी होती है।

    जम्मू, जागरण संवाददाता: कबूतर पालने का शौक रखने वाले युवाओं के लिए शुक्रवार को दिन काफी खास है। साल भर की तैयारी के बाद उनके कबूतरों ने आज सुबह उड़ान भरी है और जिसके कबूतर सबसे लंबी उड़ान भरेंगे, उसके सिर पर जीत का सेहरा सजेगा।

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    जम्मू शहर में साल की सबसे बड़ी कबूतर प्रतियोगिता का शुक्रवार को सेमीफाइनल आयोजित हुआ है। जम्मू की सबसे बड़ी इस प्रतियोगिता में शहर के करीब दो दर्जन कबूतरबाज हिस्सा ले रहे हैं और आज सुबह शुरू हुई यह प्रतियोगिता शाम तक सम्पन्न होगी और विजेता कबूतरबाजारों को पुरस्कृत किया जाएगा।

    जम्मू में कबूतरबाजी का खेल सदियों पुराना है। सदियों से शहर के विभिन्न हिस्सों में युवाओं के बीच यह प्रतियोगिता आयोजित होती आ रही है। यूं तो शहर के लगभग हर क्षेत्र में कबूतरबाज है लेकिन इस जिला स्तरीय प्रतियोगिता में कुछ चुनिंदा कबूतरबाज ही हिस्सा लेते हैं।

    पिछले एक सप्ताह से जारी इस प्रतियोगिता का आज सेमीफाइनल है और 23 मई, रविवार को फाइनल मुकाबला होगा। शहर की बात करें तो इस प्रतियोगिता में पुरानी मंडी, मस्तगढ़, पीर मिट्ठा, तालाब खटिका, रघुनाथपुरा, उस्ताद मुहल्ला, पंजतीर्थी, जानीपुर व सरवाल तक के कबूतरबाज हिस्सा ले रहे हैं। इस प्रतियोगिता की खास बात यह है कि हर कोई अपने-अपने छत से कबूतर उड़ाता है और पूरी इमानदारी के साथ कबूतरों के उड़ान भरने व वापस लौटने का समय दर्ज करवाया जाता है।

    धीरे-धीरे कबूतर वापस लौटना शुरू हो जाते है और जब आसमान में चंद कबूतर उड़ते नजर आते हैं तो कबूतर देखकर ही कबूतरबाज की निशानदेही हो जाती है। यह प्रतियोगिता कई बार 12 घंटे से भी ज्यादा लंबी चली जाती है और इस दौरान सभी कबूतरबाज आसमान पर टकटकी लगाकर बैठे रहते हैं। शाम को जीत के जश्न में आतिशबाजी भी होती है।