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    पीडीपी ने उमर अब्दुल्ला सरकार के खिलाफ निकाली रैली, जम्मू की सड़कों पर उतर जमकर लगाए नारे

    By Anchal Singh Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Wed, 17 Dec 2025 05:24 PM (IST)

    पीडीपी ने जम्मू में उमर अब्दुल्ला सरकार के खिलाफ एक रैली निकाली। इस रैली में पीडीपी कार्यकर्ताओं ने जम्मू की सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ जमकर नारे ...और पढ़ें

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    नेकां ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के जनादेश और उम्मीदों के साथ धोखा किया है।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने उमर अब्दुल्ला नेतृत्व वाली नेशनल कांफ्रेंस सरकार के खिलाफ रैली निकाल कर जम्मू में जोरदार प्रदर्शन किया। पीडीपी नेता व कार्यकर्ता बिजली-पानी दे न सके, वो सरकार नकम्मी है, जैसे नारे लगाते हुए मुख्य मार्ग पर आ गए और उन्होंने मार्ग को अवरुद्ध करने का प्रयास किया।

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    पीडीपी के कार्यकर्ता गांधीनगर कार्यालय के बाहर एकत्र हुए और फिर हाथों में पोस्टर लेकर सड़क पर उतरे और जोरदार नारेबजी की। कार्यकर्ताओं ने मुख्य सड़क पर बैठ कर भी रोष जताते हुए नेकां विरोधी नारे लगाए। जम्मू के महासचिव राजेंद्र मन्हास के नेतृत्व में हुए इस विरोध प्रदर्शन में शहरी जिला प्रधान वीरेंद्र सिंह सोनू, ग्रामीण जिला प्रधान केके शर्मा, राज्य युवा प्रधान आदित्य गुप्ता के साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक सड़कों पर उतर आए।

    प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए पीडीपी नेताओं ने सरकार को याद दिलाया कि 200 यूनिट फ्री बिजली का उसका बहुत प्रचारित वादा एक खोखला नारा साबित हुआ है। एक अहम चुनावी वादा होने के बावजूद नेकां सरकार इसे लागू करने में नाकाम रही है, जिससे बढ़ती कीमतों और बिजली के टैरिफ के बीच आम परिवार और भी आर्थिक तंगी में फंस गए हैं।

    प्रदर्शनकारियों ने जम्मू में अगस्त में आई बाढ़ के पीड़ितों के प्रति सरकार की पूरी बेपरवाही की भी कड़ी निंदा की। घरों, दुकानों और रोजी-रोटी के बड़े पैमाने पर नुकसान के बाद भी नेकां सरकार कोई राहत और पुनर्वास नीति बनाने या उसकी घोषणा करने में नाकाम रही है, जिससे हजारों प्रभावित परिवार बेसहारा और निराश हो गए हैं।

    नेताओं ने आगे कहा कि नेकां के सांसदों द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को हाल ही में दिए गए पत्र ने नेकां के राजनीतिक सरेंडर को पूरी तरह से उजागर कर दिया है। नेताओं ने कहा, “लेटर के कंटेंट से साफ पता चलता है कि 5 अगस्त के कामों को नेकां लीडरशिप ने सामान्य कर दिया है। आर्टिकल 370 को फिर से लागू करने की मांग को पूरी तरह से छोड़कर, नेकां ने खुले तौर पर भाजपा के एजेंडे को मान लिया है और जम्मू-कश्मीर के लोगों के जनादेश और उम्मीदों के साथ धोखा किया है।”

    इस मौके पर राजेंद्र मन्हास ने कहा, “नेकां सरकार न सिर्फ गवर्नेंस में फेल रही है, बल्कि उसने राजनीतिक रूप से भी समझौता किया है। अपने चुनावी वादों को भूलने से लेकर 5 अगस्त के बाद की सच्चाई को चुपचाप स्वीकार करने तक नेकां लोगों के सामने एक्सपोज हो गई है।” पीडीपी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार लोगों की तकलीफ़ों को नज़रअंदाज करती रही और मुख्य मुद्दों को कमजोर करती रही तो पार्टी पूरे जम्मू में अपना आंदोलन तेज करेगी।

    इस मौके पर मौजूद पीडीपी नेताओं में सतपाल सिंह चाढ़क, सुनील भट्ट, रणबीर सिंह मंगा, सुखविंद्र सिंह, दर्शन मंगोत्रा, ई पीटर, नरेंद्र शर्मा, प्रवीण अख्तर, कर्ण सिंह, रोमेश वर्मा, रजत गुप्ता, देवेंद्र डोगरा, अशोक चिब, टाइटस गिल, महान सिंह, नीरज चंदेल, शशि कुमार, सुशांत सिंह, विमल शर्मा, राजीव धर्मत, पंकज दत्त, तान्या पुरी, रविंद्र जम्वाल, अश्विनी कोहली, भारत भूषण, बंसी लाल प्रमुख थे।