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    मुफ्ती सईद की छठी बरसी मनाने की नहीं मिली अनुमति, महबूबा और पीडीपी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

    By Lokesh Chandra MishraEdited By:
    Updated: Fri, 07 Jan 2022 03:50 PM (IST)

    अपने पिता की बरसी पर उनकी याद में कार्यक्रम करने से रोकने पर महबूबा मुफ्ती भड़क उठीं। उनके कार्यकर्ताओं ने भी प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। पार्टी ने प्रशासन पर तानाशाही करने का आरोप लगाया।

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    प्रशासन ने महबूबा को अपने पिता की कब्र पर जाने की अनुमति दी।

    जम्मू, जेएनएन : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद का आज छठी बरसी है। इस अवसर पर पार्टी की प्रधान महबूबा मुफ्ती अपने कार्यकर्ताओं के साथ बिजबेहाड़ा में कार्यक्रम करने पहुंचे। लेकिन प्रशासन की ओर से इसकी अनुमति नहीं दी गई। अपने पिता की बरसी पर उनकी याद में कार्यक्रम करने से रोकने पर महबूबा मुफ्ती भड़क उठीं। उनके कार्यकर्ताओं ने भी प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। पार्टी ने प्रशासन पर तानाशाही करने का आरोप लगाया।

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    काफी देर तक प्रदर्शन चलता रहा। उसके बाद प्रशासन ने महबूबा को अपने पिता की कब्र पर जाने की अनुमति दी। फिर वे अपने कुछ सहयोगियों के साथ कब्र पर पहुंचीं और पिता को श्रद्धांजलि अर्पित कीं। दरअसर, बिजबेहाड़ा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का गढ़ रहा है। यहां से मुफ्ती सईद विधानसभा में चुने जाते रहे हैं। कार्यक्रम होने पर काफी भीड़ होती। इस समय कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका भी गहराती जा रही है। बताया जा रहा है कि इसलिए प्रशासन ने किसी भी तरह के कार्यक्रम करने से रोका।

    महबूबा ने ट्वीटर हैंडल पर भी विरोध जताया। उन्होंने लिखा कि उनके पिता की बरसी पर कार्यकर्ताओं को उनकी कब्र पर फातिहा पढ़ने की अनुमति नहीं दी गई। पुलिस ने उन्हें रोक दिया। किसी नेता को श्रद्धांजलि देना साधारण बात है, लेकिन इसे भी अपराध बताया जा रहा है। यह राज्य प्रशासन की असहिष्णुता का उदाहरण है।

    पिता की बरसी का कार्यक्रम रोके जाने पर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रोष जताते हुए कहा कि सरकार की नीतियों का विरोध किया। उन्होंने रियल एस्टेट कानून का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यदि आज भी डोगरा हो या कश्मीरी या गुज्जर-बक्करवाल हो या पहाड़ी यदि नहीं जागे तो उनके लिए पैर रखने तक की जमीन नहीं बचेगी। इसलिए इसका डटकर मुकाबला करना होगा। महबूबा के संदेश से स्पष्ट था कि पिता की बरसी पर कार्यक्रम में भी वह रियल एस्टेेट के क्षेत्र में सरकार की पहल का पुरजोर विरोध करने वाली थीं। लेकिन सरकार निवेशकों को प्रदेश में आकर्षित कर जम्मू कश्मीर के विकास को रफ्तार देने की दिशा में काम कर रही है

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