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    Jammu Kashmir: PDF के चेयरमैन यासीन बोले- PAGD ज्यादा देर तक नहीं चलेगी, अपने मकसद से रास्ता भटकी

    पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) के चेयरमैन हकीम यासीन ने कहा कि उन्हें पता था कि पीएजीडी काम नहीं करेगा यहीं वजह है कि वह उनके साथ नहीं जुड़े।यासीन ने कहा कि गठबंधन बनाना एक बहुत अच्छा फैसला था कि लेकिन उचित रोडमैप के साथ लोगों के सामने नहीं आ सके।

    By Vikas AbrolEdited By: Updated: Wed, 27 Jan 2021 08:33 AM (IST)
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    पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) के चेयरमैन हकीम यासीन

    जम्मू, जागरण संवाददाता। पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) के चेयरमैन हकीम यासीन ने कहा कि उन्हें पता था कि पीएजीडी काम नहीं करेगा यहीं वजह है कि वह उनके साथ नहीं जुड़े। अभी भी पीएजीडी में शामिल विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता एक रोडमैप तैयार कर जम्मू-कश्मीर को पुन: राज्य का दर्जा बहाल करने सहित अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए केंद्र सरकार से बात करें तो इसे फिर से बहाल करने में कोई परेशानी नहीं होगी। बशर्ते इसके लिए सभी नेताओं को अहंकार छोड़कर जम्मू-कश्मीर के बारे में पहला सोचना पड़ेगा।

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    उन्होंने कहा कि अतीत में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस व पीडीपी और कांग्रेस के बीच बहुत सारे समझौते हुए और इन राजनीतिक दलों ने गठबंधन सरकारी भी बनाई। सत्ता में आने के बाद इन गठबंधन सरकारों ने लोगों को फायदा पहुुंचाने की बजाय उन्हें और अधिक नुकसान पहुंचाने का काम किया। इन्हीं अनुभवों को मद्देनजर रखते हुए उन्हें पता था कि जिस मकसद के लिए पीएजीडी का गठन किया गया और जिस राजनीतिक दलों के नेता इससे जुड़े, उनके बीच आपसी रिश्ते ज्यादा देर तक नहीं चलेंगे। इसी वजह से उन्हें पीएजीडी से दूर ही रहने का फैसला लिया।

    यासीन ने कहा कि गठबंधन बनाना एक बहुत अच्छा फैसला था कि लेकिन वे उचित रोडमैप के साथ लोगों के सामने नहीं आ सके। पीएजीडी में शामिल विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने परिपक्वता नहीं दिखाई। हालांकि हरेक राजनीतिक पार्टी का अपना एजेंडा और घोषणापत्र होता है लेकिन बावजूद इसके इनके नेताओं ने इन सभी को नजरअंदाज करते हुए एक रास्ता नहीं चुना जिसकी वजह से पीएजीडी के नेताओं में एकजुटता नहीं दिखी। यही एक वजह है जिसकी वजह से पीएजीडी में शामिल नेता इनसे किनारा करने लगे।

    पीडीएफ के चेयरमैन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जारी अनिश्चितता की स्थिति को पुन: राज्य का दर्जा बहाल करके ही खत्म किया जा सकता है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को सुझाव दिया कि वे इसके लिए एक रोडमैप तैयार करने के बाद ही जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जे की बहाली के लिए एक बार फिर से एकजुट हों। अगर वे जम्मू-कश्मीर की बेहतरी चाहते हैं तो अपने अहंकार को छोड़कर केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने सहित एक बार फिर से अनुच्छेद 370 लागू करने की बात करें। उन्हाेंने कहा कि अगर अभी भी सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता एक विस्तृत रोडमैप तैयार कर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा फिर से बहाल करने सहित अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग करने के लिए एकजुट होंगे तो उन्हें नहीं लगता है कि इसकी बहाली के रास्ते में कोई दिक्कतें पेश आ सकेंगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर को कुछ भी नया नहीं देना है बल्कि यह सभी अधिकार तो उनसे छिने गए हैं जिसे हर हाल में केंद्र को जम्मू-कश्मीर की जनता को लौटाना पड़ेगा।