Jammu Kashmir News: विधानसभा चुनाव की चर्चा के बीच जल्द चुने जाएंगे पंच-सरपंच, इस महीने हो सकते इलेक्शन
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव (Assembly Election ) के साथ ही पंचायत और नगर निकाय चुनाव की भी तैयारियां जोरों से हैं। केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में पहली बार पंचायत और नगर निकाय चुनाव होंगे। जम्मू-कश्मीर में अंतिम बार पंचायत और नगर निकाय चुनाव साल 2018 में हुए थे। प्रदेश चुनाव आयुक्त ने सभी जिला उपायुक्तों की 25 जून को बैठक बुलाई है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। लोकसभा चुनाव में भारी मतदान के बाद अब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के साथ पंचायत और नगर निकाय के चुनाव की तैयारी भी शुरू हो गई है। जम्मू-कश्मीर में अंतिम बार पंचायत और नगर निकाय चुनाव वर्ष 2018 में हुए थे। प्रदेश चुनाव आयुक्त ने सभी जिला उपायुक्तों की 25 जून को बैठक बुलाई है, जिसमें लंबित पंचायत और नगर निकाय के चुनाव की तैयारियों पर चर्चा होगी।
स्थानीय चुनावों में मिलेगा ओबीसी आरक्षण
बता दें कि प्रदेश में पहली बार स्थानीय चुनावों में ओबीसी आरक्षण भी मिलेगा। प्रदेश में नगर निकायों का कार्यकाल बीते वर्ष नवंबर और पंचायतों का इसी वर्ष जनवरी में संपन्न हुआ है। तत्कालीन सुरक्षा परिदृश्य, पंचायतों व नगर निकायों की परिसीमन प्रक्रिया के साथ ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था को सुनिश्चित बनाने की प्रकिया के लंबित होने के कारण इन दोनों संस्थानों के चुनाव नहीं हो पाए थे।
केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में पहली बार होंगे पंचायत चुनाव
केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में पहली बार पंचायत और नगर निकाय चुनाव होंगे। इससे पहले वर्ष 2018 में जब यह चुनाव हुए थे उस समय जम्मू-कश्मीर एक पूर्ण राज्य था। अनुच्छेद-370 के निरस्तीकरण और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू किए जाने के बाद 31 अक्टूबर, 2019 को राज्य दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पुनर्गठित हुआ है।
चुनाव अगस्त या नवंबर-दिसंबर में संभव
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश चुनाव आयोग ही इस बार पंचायत और नगर निकायों के चुनाव कराएगा। संभवत यह चुनाव अगस्त या नवंबर-दिसंबर में कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश चुनाव आयुक्त ने सभी जिला उपायुक्तों की एक बैठक मंगलवार, 25 जून को बुलाई है। इसमें पंचायत और नगर निकाय चुनाव के संदर्भ में चर्चा होगी।
परिसीमन प्रक्रिया को लेकर भी लिया जाएगा निर्णय
बैठक में पंचायत व नगर निकायों की मतदाता सूचियों, मतदान केंद्रों के अलावा परिसीमन की प्रक्रिया को लेकर भी निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन होने के बाद सात नए विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आए हैं और कई अन्य विधानसभा क्षेत्रों का स्वरूप भी बदला है। इसके अलावा विभिन्न पंचायतों और नगर निकायों के लोगों ने भी परिसीमन की मांग की है।
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