37 साल से अवैध रूप से कश्मीर में रह रहा था पाकिस्तानी कपल, 14 दिन के वीजा पर आए थे भारत; ऐसे खुली पोल
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने श्रीनगर में रह रहे एक बुजुर्ग दंपती को पाकिस्तान वापस भेजने के आदेश दिए हैं। दंपती 14 दिन के वीजे पर भारत आए थे लेकिन उनका वीजा करीब चार दशक पहले ही खत्म हो गया था। उन्होंने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी।

जेएनएफ, जम्मू। जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हाईकोर्ट ने श्रीनगर में रह रहे बुजुर्ग दंपती की पाकिस्तान न भेजने की याचिका को खारिज कर दिया।
डिवीजन बेंच ने सरकार को आदेश दिया कि दंपती को जल्द पाकिस्तान वापस भेजा जाए। दंपती 14 दिन के वीजे पर आया था। उनका वीजा खत्म हुए करीब चार दशक हो चुके हैं।
बता दें कि पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने जब अवैध रूप से यहां रहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का नोटिस दिया था। इस पर 80 वर्षीय खलील काजी व 61 वर्षीय उनकी पत्नी आरिफा काजी ने नोटिस पर चुनौती दी।
हाईकोर्ट ने पाया कि दोनों को जुलाई 1988 में 14 दिन का वीजा दिया था जिसे बाद में बढ़ाकर नवंबर 1988 तक किया। दंपती ने दावा किया कि उनकी श्रीनगर में पुश्तैनी संपत्ति व रिश्तेदारी है। 1948 में उन्हें मजबूरन पाकिस्तान जाना पड़ा था।
उन्होंने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन भी दिया था। बेंच ने खलील काजी की कहानी को संदिग्ध पाया। बेंच ने पाया कि काजी का दावा है कि 1948 में वह पाकिस्तान था, लेकिन उसका खुद का स्कूल प्रमाण पत्र बताता है कि वह 1955 से 1957 के बीच श्रीनगर के स्कूल में पढ़ाई करता था।
ऐसे में काजी ने सच्चाई छिपाकर कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया है। याची के पास न वैध वीजा, न कोई वैध दस्तावेज है जिसके आधार पर उसके दावे को सही ठहराया जा सके, लिहाजा उन्हें तत्काल भारत छोड़ना होगा।
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