'पाकिस्तान या कोई विदेशी ताकत है तो केंद्र सबूत दें', लेह अपेक्स बॉडी ने सरकार से बातचीत से किया किनारा
लद्दाख में हिंसा के बाद लेह एपेक्स बाडी ने केंद्र सरकार से बातचीत रोक दी है। उन्होंने 24 सितंबर की घटना की न्यायिक जांच और लद्दाख में सामान्य स्थिति बहाल करने की मांग की है। बाडी के अध्यक्ष ने लद्दाख में भय का माहौल बताया और प्रदर्शनकारियों को राष्ट्र विरोधी कहने पर आपत्ति जताई। कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस ने भी सरकार पर लद्दाख के लोगों को दरकिनार करने का आरोप लगाया।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। लद्दाख में हुई हिंसा के बाद लेह एपेक्स बाडी ने केंद्र सरकार से क्षेत्र के मुद्दों पर बातचीत से अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। लेह अपेक्स बाडी ने सोमवार को केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया कि लद्दाख में शांति बहाल होने तक किसी प्रकार की बातचीत नहीं की जाएगी।
केंद्र सरकार से लद्दाख के मुद्दों को लेकर कड़ा रवैया अपनाते हुए लेह अपेक्स बाडी के अध्यक्ष थुपस्तान छिवांग ने कहा है कि 24 सितंबर को सुरक्षा बलों की कार्रवाई में चार लोगों के मारे जाने व करीब 90 लोगों के घायल होने के मामले की न्यायिक जांच करवाई जाए।
छिवांग ने कहा कि लद्दाख में भय का माहौल व्याप्त हो गया है। तब तक बातचीत के कोई मायने नही हैं जब तक लद्दाख में हालात सामान्य नहीं हो जाते। उन्होंने कहा कि अगर लद्दाख में विरोध प्रदर्शनों के पीछे पाकिस्तान या कोई विदेशी ताकत है, तो केंद्र सरकार इसके सबूत दें।
लेह अपेक्स बॉडी ने जताई कड़ी आपत्ति
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को इस समय लद्दाख में व्याप्त हो गए भय के माहौल को खत्म करने की दिशा में काम करना चाहिए। लेह अपेक्स बाडी के अध्यक्ष ने लद्दाख में क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर प्रदर्शन करने वालों को राष्ट्र विरोधी करार दिए जाने पर भी कड़ी आपत्ति जताई हैं। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार इसके लिए अधिकारिक रूप से माफी मांगे।
लद्दाख के संगठन कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस व लेह एपेक्स बाडी की छह अक्टूबर को दिल्ली में केंद्र सरकार की हाई पावर कमेटी की बैठक थी। लद्दाख में उपजे हालात को लेकर इससे ठीक पहले इन संगठनों ने कड़े तेवर दिखाए हैं।
छठे दिन भी कर्फ्यू जारी
जल्द ये संगठन आपस में बैठक करने क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर अपनाई जाने वाले आगे की रणनीति पर भी चर्चा करेंगे। कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के सज्जाद कारगिली का कहना है कि लद्दाख के लोगों के साथ धोखा हुआ है। लद्दाख के लोग देश की ताकत हैं, केंद्र सरकार उन्हें दरकिनार कर रहा है।
इसी बीच सोमवार को छठे दिन में कर्फ्यू रहा। इस दौरान लेह में कड़ी सुरक्षा के बीच हिसंक प्रदर्शनों के दौरान मारे गए दो लोगों का अंतिम संस्कार किया गया। प्रशासनिक पाबंधियों के चलते सीमित संख्या में लोगों को स्कुर्बुचन गांव के 46 वर्षीय सिवांग थर्चिन व हानू गांव के रिंचन दोरजे के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी गई। इस दौरान मीडिया पर भी रोक रही।
एलजी ने की सुरक्षा समीक्षा
इससे पहले रविवार को खरनाक गांव के 25 वर्षीय जिगमित दोरजे व इगू गांव के 24 वर्षीय स्टेंजिन नामग्याल का अंतिम संस्कार हुआ था। जिला प्रशासन ने साेमवार को लेह जिले के सभी स्कूल, कालेजों व आंगनवाड़ी केंद्र को बंद रखा। लद्दाख व्यापार संघ के अनुरोध पर लेह के जिला मजिस्ट्रेट लेह ने किरयाना व सब्जी दुकानों को शाम 4 बजे से 6 बजे तक दो घंटे खोलने की अनुमति दी।
सोमवार दोपहर को उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने लद्दाख की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान दौरान हालिया घटनाओं, संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती व शांति बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों पर विस्तार से चर्चा की गई।
उपराज्यपाल ने अधिकारियों को सतर्कता से किसी भी प्रकार के हालात से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने लोगों की सुरक्षा के साथ सामान्य जनजीवन को प्रभावित न होने देने पर भी विशेष जोर दिया।
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