Amarnath Yatra 2025: भगवान शिव का पहलगाम से खास कनेक्शन, यहीं दिया था बड़ा त्याग; शिवभक्त जरूर जानें
Amarnath Yatra 2025 अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए पहलगाम में भूमि पूजन पवित्र छड़ी पूजन और ध्वजारोहण किया गया। दशनामी अखाड़ा से छड़ी मुबारक के आगमन के साथ वातावरण शिवमय हो गया। भगवान शिव का इस जगह से खास कनेक्शन है। अमरनाथ जाने वाले दो मार्गों में से पहलगाम एक है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। Amarnath Yatra 2025: हर हर महादेव, जय-जय शंकर के जयघोष और पूजा की घंटियों के साथ पहलगाम में पूरा वातावरण उस समय शिवमय हो गया,जब श्री अमरनाथ यात्रा के लिए भूमि पूजन, पवित्र छड़ी पूजन, नवग्रह पूजन और ध्वजारोहण के लिए दशनामी अखाड़ा से छड़ी मुबारक का आगमन हुआ। अमरनाथ जाने के लिए श्रद्धालुओं के पास दो मार्गों का विकल्प होता है। इनमें पहला बालटाल और दूसरा पहलगाम। पहलगाम मार्ग से यात्रा तय करना थोड़ा आसान होता है।
इसलिए खास है पहलगाम
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, यह तीर्थयात्रा व्यास पूर्णिमा के दिन से ही प्रारंभ मानी जाती है। गुरुवार को व्यास पूर्णिमा जिसे गुरु पूर्णिमा भी कहते हैं, के पावन अवसर पर दशनामी अखाड़ा के महंत और श्री अमरेश्वर धाम की पवित्र छड़ी मुबारक के संरक्षक महंत दीपेंद्र गिरी पवित्र पहलगाम (Pahalgam) पहुंचे।
पहलगाम में भगवान शंकर ने अपने प्रिय वाहन और साथी नंदी का त्याग किया था। यही कारण है कि इस जगह को काफी खास माना जाता है और अमरनाथ यात्री यहीं से अपनी यात्रा प्रारंभ करते हैं।
यात्रा तय करने में लगता है 3 से 5 दिन का समय
पहलगाम- पारंपरिक और लंबा रास्ता है और 32 किलोमीटर लंबा है। खास बात है कि यह रास्ता बुजुर्गों और कम अनुभवी वाले यात्रियों के लिए उपयुक्त माना जाता है। इसका कारण है कि यह मार्ग कम ढलान वाला है। पहलगाम मार्ग से गुफा तक पहुंचने में लगभग 3 से 5 दिन का समय लगता है।
इस रास्ते पर कई पड़ाव आते हैं। इनमें चंदनवाड़ी, पिस्सू टॉप, शेषनाग और पंचतरणी शामिल है।
यह मार्ग प्राकृतिक नजारों से भरपूर है और इसे अमरनाथ यात्रा का सबसे सुंदर रास्ता माना जाता है.
कुछ लोग इस मार्ग को पारंपरिक और अधिक आरामदायक मानते हैं।
चार अगस्त को पहलगाम के लिए प्रस्थान करेगी
हमने यहां तीर्थयात्रा के शुभारंभ से संबंधित अनुष्ठान किए है। भगवान शंकर से पूरे भारतवर्ष में सुख-समृद्धि और शांति की कामना की है। हमने ईश्वर से विश्वसमुदाय के कल्याण की प्रार्थना की है। पवित्र छड़ी मुबारक छड़ी मुबारक चार अगस्त को दशनामी अखाड़ा से पहलगाम के लिए प्रस्थान करेगी।
रास्ते में सभी प्रमुख तीर्थस्थलों में छड़ी मुबारक पूजा अर्चना के लिए जाएगी और चार व पांच अगस्त को पहलगाम में ही विश्राम करेगी। छह अगस्तको छड़ी मुबारक चंदनवाड़ी, सात अगस्त को शेषनाग और आठ अगस्त को पंचतरणी में रात्रि विश्राम करने के बाद नौ अगस्त को ‘श्रावण-पूर्णिमा’ के शुभ अवसर पर छड़ी मुबारक अमरेश्वर धाम में प्रवेश करेगी।
उसी दिन श्री अमरेश्वर धाम (Amreshwar Dham) में भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन व मुख्य दर्शन होगा। इसके बाद छड़ी मुबारक वापस लौटेगी।
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