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    जम्मू-कश्मीर में प्रति हेक्टेयर रिकॉर्ड तोड़ हुई धान की उपज, पूरे देश में रहा अव्व्ल

    By Vikas AbrolEdited By:
    Updated: Mon, 06 Sep 2021 07:23 AM (IST)

    कृषि कांप्लेक्स लाल मंडी श्रीनगर में एक कार्यक्रम में उपराज्यपाल ने कहा कि कृषि क्षेत्र में लाए गए सुधार बेहतर परिणाम दे रहे हैं। 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर धान की उपज के साथ जम्मू कश्मीर ने पूरे देश में शीर्ष स्थान पर रहा।

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    कृषि विभाग ने किसान उद्योग को जोड़ने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए मजबूत ढांचा विकसित किया है।

    जम्मू, राज्य ब्यूरो : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि नेशनल एग्रीकल्चरल कोआपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (नैफेड) देश भर में अपने सभी आउटलेट्स पर कश्मीर के केसर की बिक्री करेगा। इससे किसानों को आकर्षक कीमतों पर उत्पाद बेचने का एक और विकल्प उपलब्ध होगा। केसर के अलावा जम्मू कश्मीर सेब, अखरोट और बादाम के उत्पादन में पूरे देश में नंबर एक है। उम्मीद है कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आने वाले दिनों में किसानों की आय कई गुना बढ़ जाएगी।

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    कृषि कांप्लेक्स लाल मंडी श्रीनगर में एक कार्यक्रम में उपराज्यपाल ने कहा कि कृषि क्षेत्र में लाए गए सुधार बेहतर परिणाम दे रहे हैं। पहली बार 2000 ट्रक सब्जियों का देश के अन्य हिस्सों में निर्यात किया है। 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर धान की उपज के साथ जम्मू कश्मीर ने पूरे देश में शीर्ष स्थान पर रहा। 60000 हेक्टेयर बासमती कृषि भूमि को उच्च उत्पादकता वाली भूमि में परिवर्तित कर रहे हैं।

    एक साल में हमने रिकार्ड 5400 टन मशरूम और 22,182 क्विंटल शहद का उत्पादन किया है। 11 लाख 60 हजार से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए हैं। आज 8000 करोड़ का सेब का बाजार 30 लाख लोगों की जिंदगी बदल रहा है। उन्होंने किसानों को प्रशिक्षण देने के अलावा कीटनाशकों, उर्वरकों के मामले में सरकार के कदमों के बारे में बताया। उन्होंने व्यापक आर्थिक परिवर्तन के लिए किसानों को 100 ट्रैक्टर और पंचायतों के लिए 1035 थ्रेशर के लिए मंजूरी पत्र सौंपे। कृषि और बागवानी क्षेत्रों को केंद्र शासित प्रदेश के आर्थिक विकास में प्रमुख बताते हुए सिन्हा ने कहा कि सरकार ने जम्मू कश्मीर को उच्च घनत्व वाले वृक्षारोपण और एकीकृत डेयरी फार्मिंग योजना को व्यापक रूप से अपनाने को कहा।

    प्रदेश सरकार ने शहरी और ग्रामीण अंतर किया दूर

    उपराज्यपाल ने कहा कि शहरी और ग्रामीण अंतर को दूर करने के लिए कृषि विभाग ने किसान उद्योग को जोड़ने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए मजबूत ढांचा विकसित किया है। कोल्ड स्टोरेज मार्केट लिंकेज और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों जैसी सुविधाएं प्रदान की हैं। किसानों को कृषि आय में लगातार वृद्धि के लिए पारंपरिक कृषि के साथ-साथ नकदी फसलों जैसे नए तरीकों को अपनाने की सलाह दी।

    सरकार प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में कस्टम हार्यंरग सेंटर और फार्म मशीनरी बैंक स्थापित कर रही है। अब तक 151 कस्टम हार्यंरग सेंटर और 122 फार्म मशीनरी बैंक शुरू किए जा चुके हैं। सरकार ने किसानों को 500 ट्रैक्टर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। धान और मक्का की कटाई के लिए पंचायतों को थ्रेसर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था। उपराज्यपाल ने कहा कि पहले 1147 थ्रेशर दिए थे। 1035 के लिए मंजूरी पत्र जारी किए हैं।