Dengue Cases: जम्मू कश्मीर में एक महीने बाद 24 घंटों में डेंगू के मात्र 11 मामले दर्ज
जम्मू-कश्मीर में अब लगातार बढ़ रही ठिठुरन का असर डेंगू के आ रहे मरीजों की संख्या पर दिखने लगा है। एक महीने बाद मात्र 11 ही लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई। स्टेट मलेरिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को सिर्फ तीन जिलों में ही मामले आए।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर में अब लगातार बढ़ रही ठिठुरन का असर डेंगू के आ रहे मरीजों की संख्या पर दिखने लगा है। एक महीने बाद मात्र 11 ही लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई। स्टेट मलेरिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को सिर्फ तीन जिलों में ही मामले आए। जम्मू में छह, सांबा में चार और ऊधमपुर में एक मामला आया। पीड़ितों में दो बच्चे और पांच महिलाएं शामिल हैं।
अभी तक जम्मू-कश्मीर में कुल 7349 मामले आ चुके हैं। जम्मू जिले में सबसे अधिक 5441 मरीज आए हैं जबकि ऊधमपुर में 816, सांबा में 325, कठुआ में 162, रियासी में 117, राजौरी में 104, पुंछ में 39, डोडा में 237, रामबन में 50, किश्तवाड़ में 27, कश्मीर में 14 और अन्य प्रदेशों से 17 मामले आए। डाक्टरों का कहना है कि कुछ दिनों में ही एक भी मामला नहीं आएगा। डेंगू अब खत्म होने की कगार पर है।
राजीय महिला परेड कालेज में काव्य पाठ का आयोजन
जम्मू : युवा हिंदी लेखक संघ (युहिले) जम्मू ने राजकीय महिला कालेज परेड में काव्य पाठ का आयोजन करवाया। वहीं अशोक कुमार कीहिंदी कविता भाग तीन का विमोचन किया गया। कार्यक्रम दो सत्रों में हुआ। पहले सत्र में कवियों ने अपनी कविताएं पढ़ी ताकि नए कवियों को प्रेरित किया जा सके व उनमें प्रौढ़ कविता की समझ आ सके। इनमें ऐसे कई प्रमुख कवि थे जोकि पहली बार साहित्य के मंच से पाठ कर रहे थे। रेणु शर्मा, डिंपल शर्मा, नीता महाजन,चक्षु शर्मा,आरती के नाम शामिल हैं। वरिष्ठ कवियों में डा. सुधीर महाजन, डा. पुरुषोत्तम कुमार, अरुण कुमार बजाज,संजीव भसीन, शेख मोहम्मद कल्याण, डा. पवन खजुरिया, अरविंद शर्मा व अशोक कुमार आदि थे।
इस दौरान अध्यक्ष मंडल के बोलते हुए राजीव कुमार ने ऐसे आयोजनों को लेकर उत्सुकता प्रकट की। पवन खजुरिया ने युहिले के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से सीखने को बल मिलता है व उनके लेखन में पक्वता आती है। शेख मोहम्मद कल्याण ने सभी कविताओं की सराहना करते हुए कहा कि युवा हिंदी लेखक संघ ऐसे प्रयास हमेशा करता रहेगा। इन प्रयासों से नव लेखकों को प्रोत्साहन मिलता है। प्रथम सत्र का आयोजन उमा सलाथिया ने बेहद सधे ढंग से किया।दूसरे सत्र में प्रो. अशोक कुमार की हिंदी कविता भाग 3 का विमोचन किया गया। उन्होंने कहा कि यह उनका प्रयास है कि जम्मू-कश्मीर में जितने भी काव्य संग्रह प्रकाशित हुए हैं, उन पर शोध करने के लिए मेरी यह किताब महत्वपूर्ण स्रोत के तौर पर काम करेगी। अध्यक्ष मंडल से गुजरात से आए साहित्यकार डा. कन्हैया लाल भट्ट, डा. नीलम सराफ ने भी अपने विचार रखे। डा. नीलम सराफ ने कहा कि किसी भी समय के साहित्य को परखने का असल काम आलोचक का होता है। वहीं आए हुए कविओं का धन्यवाद किया गया ।

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