जम्मू-कश्मीर में प्रवेश परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग ई-मॉड्यूल, 15 दिनों के अंदर होगी विकसित
मुख्य सचिव ने बोर्ड आफ प्रोफेशनल एंट्रेंस एग्जामिनेशन को ऑनलाइन काउंसलिंग और प्रवेश प्रक्रिया के लिए 15 दिनों के भीतर ई-माड्यूल विकसित करने का निर्देश दिया। नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर को पारदर्शी प्रवेश प्रक्रिया के लिए मॉड्यूल तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। परीक्षा कैलेंडर का सख्ती से पालन करने और कम नामांकन वाले पाठ्यक्रमों को पुनर्गठित करने का भी निर्देश दिया गया है। बोर्ड ने ऑनलाइन काउंसलिंग और परीक्षा केंद्रों का विस्तार किया है।

जम्मू-कश्मीर में प्रवेश परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग ई-मॉड्यूल (File Photo)
राज्य ब्यूरो, जम्मू। मुख्य सचिव ने बोर्ड आफ प्रोफेशनल एंट्रेंस एग्जामिनेशन को आनलाइन काउंसलिंग और प्रवेश प्रक्रिया के लिए एक समग्र ई-माड्यूल को 15 दिनों के भीतर विकसित करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेशनल प्रवेश परीक्षाओं के बोपी और तकनीकी शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली की समीक्षा की। बैठक में नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर जम्मू-कश्मीर को यह जिम्मेदारी दी गई कि वह छात्रों को पारदर्शी और सुगम प्रवेश प्रक्रिया प्रदान करने के लिए मॉड्यूल तैयार करे।
मुख्य सचिव ने बैठक में चल रही प्रवेश और परीक्षा प्रक्रियाओं की विस्तृत समीक्षा की और निर्देश दिए कि सभी शैक्षणिक गतिविधियां सख्ती से समयबद्ध और पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही संचालित की जाएं। उन्होंने कहा कि परीक्षा और काउंसलिंग कैलेंडर को पहले से प्रकाशित कर सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सरकारी और निजी संस्थानों में व्यावसायिक और तकनीकी पाठ्यक्रमों में कोई भी सीट खाली न रहे, इसके लिए कोर्स के सिलसिलेवार तरीके से मूल्यांकन कर जहां रिक्तियां हैं वहां तत्काल सुधारात्मक कदम उठाए जाएं।
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि जिन पाठ्यक्रमों में लगातार कम छात्रों का नामांकन हो रहा है, उन्हें फिर से डिजाइन और पुनर्गठित किया जाए ताकि सरकारी और निजी संस्थानों में उपलब्ध बुनियादी ढांचा और मानव संसाधन बेकार न जाएं।
उन्होंने बोपी को यह भी निर्देश दिया कि जहां सीटों की संख्या बढ़ाई गई है वहां उम्मीदवारों को मेरिट के अनुसार अपग्रेड किया जाए। बैठक के दौरान बोर्ड की चेयरपर्सन प्रो. मीनू महाजन ने जानकारी दी कि इस वर्ष बोर्ड ने छात्रों की सुविधा के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग और प्रवेश प्रक्रिया शुरू की है।
उन्होंने बताया कि परीक्षा केंद्र अब केवल राजधानी शहरों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उप-डिवीजन स्तर तक भी स्थापित किए गए हैं, जिससे ग्रामीण छात्रों की पहुंच में सुधार हुआ है।
उन्होंने एमबीबीएस, बीडीएस, एमडीएस, एमडी आयुर्वेद, एमएससी नर्सिंग, बीटेक पैरामेडिकल, बी.एड, डिप्लोमा सहित स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में भरी और खाली सीटों का विस्तृत कोर्स-वार आंकड़ा भी प्रस्तुत किया। टेक्निकल एजुकेशन बोर्ड के सचिव सुकेत गुप्ता ने बैठक में जानकारी दी कि बोर्ड सरकारी और निजी पॉलिटेक्निक और आईटीआई संस्थानों के लिए प्रवेश, परीक्षा, प्रमाणन और माइग्रेशन का प्रबंधन करता है।
उन्होंने बताया कि सरकारी पॉलिटेक्निक संस्थानों में 21 पाठ्यक्रमों में कुल 3,535 सीटें उपलब्ध हैं। इस वर्ष आइटीआइ से 3,989 छात्रों ने परीक्षा दी, जिनमें एससीवीटी पाठ्यक्रमों में 86 प्रतिशत पास प्रतिशत रहा। पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रमों में कुल 90 प्रतिशत पास प्रतिशत दर्ज किया गया, और लगभग 20,000 छात्र हर वर्ष परीक्षा में शामिल होते हैं।
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