'उम्मीद है बिना धमकी के...', राज्य के दर्जे पर केंद्र को ये क्या बोल गए CM उमर, महबूबा मुफ्ती से मांगा सपोर्ट
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य के दर्जे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र बिना धमकी के राज्य का दर्जा बहाल करेगी। उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती से राज्यसभा चुनाव के लिए समर्थन भी मांगा। उन्होंने कहा कि राज्य का दर्जा जम्मू-कश्मीर के लोगों का अधिकार है।

उमर अब्दुल्ला का केंद्र सरकार की दो टूक, राज्य के दर्जे की बहाली की मांग (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जम्मू। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य के दर्जे की जल्द बहाली की मांग दोहराते हुए कहा कि मैं उनमें से नहीं हूं जो धमकियां देकर कुछ हासिल करने की कोशिश करते हैं। मैं अभी भी इस उम्मीद में हूं कि बिना कोई धमकी दिए केंद्र सरकार उस वादे को पूरा करेगी जो जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ किया गया है।
अपनी सरकार के कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने पर उमर ने राजभवन के साथ अपने रिश्तों से लेकर हर मुद्दे पर खुलकर बात की। उन्होंने कांग्रेस के साथ नगरोटा सीट के लिए तालमेल के लिए बातचीत की पुष्टि की, साथ ही कहा कि महबूबा मुफ्ती या सज्जाद गनी लोन अगर भाजपा के खिलाफ हैं तो उन्हें राज्यसभा में हमारा सहयोग करना चाहिए।
जम्मू में पत्रकारों से उमर ने कहा कि हम सभी चुनावी वादों को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। हमारे एक वर्ष के कार्यकाल के आधार पर नहीं, पांच वर्ष के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर हमें आंकना होगा। उन्होंने कहा कि दैनिक वेतनभोगियों की सेवाओं को नियमित करने की दिशा में काम तेजी से आगे बढ़ रहा है।
इस सिलसिले में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट भी तैयार हो चुकी है। शिक्षा विभाग में 860 कर्मियों, जिन्हें डेढ़-दो हजार रुपये वेतन मिल रहा था, उनकी सेवाएं भी नियमित कर दी गई हैं।
'बादल फटने की घटनाओं की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों का अध्ययन हो'
उमर ने कहा कि हमने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह जम्मू-कश्मीर में भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों का एक दल भेजे। इस दल की रिपोर्ट के आधार पर हम संबंधित इलाकों में होने वाली प्राकतिक आपदाओं को कम करने और इन क्षेत्रों में बसे लोगों के लिए जोखिम को समाप्त करने की योजना तैयार कर सकेंगे। जनता से जो वादा किया है, उन्होंने संसद में जो वादा किया है उसे जल्द पूरा करें।
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