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    न्यायालय परिसर में हर कोई नहीं पहनेगा सफेद शर्ट-काली पैंट, जानें एसोसिएशन जम्मू ने क्यों जारी किया यह फरमान?

    Updated: Mon, 21 Jul 2025 06:44 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि वकीलों के अलावा कोई और काली पैंट व सफेद शर्ट पहनकर कोर्ट परिसर में दिखा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। एसोसिएशन ने कहा कि यह पोशाक वकीलों की पहचान है और अन्य लोगों द्वारा इसे पहनने से भ्रम और ठगी हो सकती है। एसोसिएशन ने सदस्यों से प्रशिक्षुओं को उचित यूनिफार्म में भेजने का आग्रह किया है।

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    उल्लंघन करने वालों को दलाल मानकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

    डिजिटल डेस्क, जम्मू। जानीपुर स्थित हाईकोर्ट व जिला कोर्ट परिसर में अब अगर वकीलों के अलावा कोई अन्य व्यक्ति काली पैंट व सफेद शर्ट पहने नजर आया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जम्मू ने इसे लेकर एक सर्कुलर जारी किया है जिसके अनुसार कोर्ट का कोई भी क्लर्क, कोर्ट आने वाला कोई याची या आम व्यक्ति यह पहनावा पहन कर नहीं आ सकता।

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    सर्कुलर में कहा गया है कि कोर्ट परिसर में काली पैंट, सफेद कमीज व काला कोट पहन कर आने का अधिकार केवल वकीलों को है। अगर वकीलों के अलावा कोई इस पहनावे में नजर आया तो उसे दलाल मानकर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सर्कुलर में कहा गया है कि यह पौशाक वकीलों की पहचान व सम्मान है और कोर्ट परिसर में हर कोई इसे पहनकर नहीं आ सकता।

    इसके अलावा ऐसा देखा गया है कि आम लोगों को गुमराह करने के लिए कुछ क्लर्क व सामान्य लोग भी यह पहनावा पहनकर कोर्ट आते हैं और लोगों से ठगी करते हैं। ऐसे में इनकी निशानदेही व धरपकड़ के लिए आवश्यक है कि ड्रेस कोड का सख्ती से पालन करवाया जाए। एसोसिएशन ने अपने सभी सदस्यों से भी अपील की है कि वे अपने अधीन कार्य सीख रहे विद्यार्थियों को भी उचित यूनिफार्म के साथ काले रंग की नेक पहनकर आने का निर्देश दे।

    गत 19 जुलाई, 2025 को जारी इस निर्देश में एसोसिएशन ने जोर देकर कहा कि यह ड्रेस कोड वकीलों और अधिवक्ताओं के लिए आरक्षित एक विशिष्ट पेशेवर पहचान है, जो विधिक समुदाय की मर्यादा और गरिमा का प्रतीक है। नोटिस में लिखा है, "किसी भी क्लर्क, मुकदमेबाज या आम आदमी को कोर्ट परिसर के अंदर सफेद कमीज, काली पतलून और काला कोट पहनने की इजाजत नहीं है।

    बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव अंशु महाजन द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस के अनुसार, इस पोशाक कोड का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को दलाल माना जाएगा। औपचारिक शिकायत दर्ज करने सहित उचितका क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी।

    बार एसोसिएशन ने वकीलों को यह भी निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके मार्गदर्शन में प्रशिक्षु अपने निर्धारित ड्रेस कोड के तहत काली टाई पहनें और जब तक वे आधिकारिक तौर पर वकील के रूप में नामांकित न हो जाएं, तब तक काले कोट पहनने से बचें। 

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