कश्मीर में एगोज कंपनी का एक भी अंडा नहीं, जम्मू-कश्मीर FDA की सख्ती; लोगों से की फेक न्यूज से सतर्क रहने की अपील
जम्मू-कश्मीर में खाद्य एवं औषधि प्रशासन आयुक्त स्मिता सेठी ने लोगों से मिलावटी अंडों की खबरों से न घबराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में एग ...और पढ़ें

कश्मीर में एगोज कंपनी के नहीं मिले अंडे (फोटो: जागरण)
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में खाद्य एवं औषधि प्रशासन की आयुक्त स्मिता सेठी ने लोगों से मिलावटी अंडों की खबरों को लेकर न घबराने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है और अब तक कश्मीर में एगोज कंपनी के कोई अंडे नहीं मिले हैं। खराब अंडों को लेकर अफवाहों पर ध्यान न दें।
विभाग इस मुद्दे पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है और लिए गए अंडे के सैंपलों की असली स्थिति लैब रिपोर्ट से पता चलेगी। रिपोर्ट के जल्द आने की उम्मीद है, जिसकी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी।
एहतियातन अंडों के सैंपल इकट्ठा करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया गया है, जो अगले दो-तीन दिनों तक जारी रहेगी।
सेठी ने कहा कि विभाग मुर्गियों को दिए जाने वाले चारे की भी जांच करेगा जिसमें एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल भी शामिल है। उन्होंने साफ किया कि एंटीबायोटिक्स सीमित रूप से इस्तेमाल करने की इजाजत है और इसके निर्धारित से अधिक इस्तेमाल पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हमें अभी यह नहीं पता कि खराब अंडों की इक्का-दुक्का घटना है या यह नियमित रूप हो रहा है। इसकी असलियत सामने आने में कम से कम दो हफ्ते लगेंगे। पिछले एन्फोर्समेंट एक्शन का हवाला देते हुए आयुक्त ने कहा कि विभाग नियमित टेस्ट करता रहता है।
लैब टेस्टिंग के बाद पहले प्रिया गोल्ड बिस्किट और अजवा पीने के पानी के कुछ खास बैच के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। किसी एक बैच में मिलावट का मतलब यह नहीं है कि किसी प्रोडक्ट की पूरी सप्लाई चेन असुरक्षित है।
उन्होंने बताया कि लैब की जांच के नतीजों के आधार पर बैच और जिले के हिसाब से रोक लगाई जाती है। उन्होंने कहा कि हर सप्लायर का एक बैच नंबर होता है और ऐसे बैच आमतौर पर पूरे केंद्र शासित प्रदेश में नहीं बल्कि कुछ खास जिलों तक ही सीमित होते हैं।
उन्होंने कहा कि पूरे केंद्र शासित प्रदेश में प्रतिबंध तभी लगाया जाता है जब बड़े पैमाने पर मिलावट साबित हो जाती है।

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