Jammu Kashmir: आयुर्वेद-यूनानी मेडिकल कॉलेजों में अकादमिक प्रबंध के लिए साक्षात्कार नहीं, ये होगा चयन का आधार
Jammu Kashmir स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी नए नियमों में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर के आयुर्वेद और यूनानी मेडिकल कालेजों में इस वर्ष से अकादमिक प्रबंधों के तहत एसोसिएट प्रोफेसर असिस्टेंट प्रोफेसर और चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति नए नियमों के तहत होगी। इसमें एसोसिएट प्रोफेसर के लिए 50 अंक उसकी डिग्री में लिए गए मेरिट के होंगे।

रोहित जंडियाल, जम्मू: जम्मू-कश्मीर के मेडिकल और डेंटल कालेजों की तर्ज पर ही अब आयुर्वेद और यूनानी मेडिकल कालेजों में अकादमिक प्रबंध पर होने वाली एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति के लिए नए नियम बनाए गए हैं।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग अब इसके तहत इन पदों में नियुक्ति के लिए साक्षात्कार नहीं लेगा। पहले से गठित चयन समिति सिर्फ आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की मेरिट और शोधपत्रों को आधार बना कर चयन करेगा।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी नए नियमों में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर के आयुर्वेद और यूनानी मेडिकल कालेजों में इस वर्ष से अकादमिक प्रबंधों के तहत एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति नए नियमों के तहत होगी।
इसमें एसोसिएट प्रोफेसर के लिए 50 अंक उसकी डिग्री में लिए गए मेरिट के होंगे। वहीं 20 अंक उसके संबंधित विषय को पढ़ाने के अनुभव के होंगे। हर एक वर्ष तक पढ़ाने के चार अंक होंगे।
इसी तरह 20 अंक उसके मेडिकल जरनल में प्रकाशित होने वाले शोध पत्रों के होंगे। इसके अतिरिक्त 10 अंक उच्च शिक्षा के होंगे, जिसमें पीएचडी शामिल है। असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में भी इसी तरह के नियम रहेंगे।
वहीं चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति में 60 अंक डिग्री में लिए गए अंकों के आधार पर होंगे। 20 अंक पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री के होंगे। 10 अंक यूनिवर्सिटी में पहले तीन स्थानों पर रहने के होंगे। पहली पोजीशन लेने वाले को 10, दूसरी पोजीशन लेने वाले को सात और तीसरी पोजीशन लेने वाले के पांच अंक होंगे।
इसी तरह 10 अंक पीएचडी के होंगे। तीनों ही पदों पर विभाग ने साक्षात्कार को पूरी तरह से बंद कर दिया है। ये नियम स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा गठित एक समिति ने बनाए हैं। इस समिति में यूनानी और आयुर्वेद के विशेषज्ञ शामिल थे। उन्होंने नए नियम बनाकर विभाग की मंजूरी के लिए भेज दिया है।
वहीं विभाग में नियुक्तियों के लिए पहले से ही समिति गठित है। विभाग के प्रशासनिक सचिव इसके चेयरमैन हैं, जबकि संबंधित मेडिकल कालेज, आयुर्वेद कालेज, यूनानी कालेज के प्रिंसिपल, संबंधित विषय का एचओडी और विशेषज्ञ सदस्य थे।
इससे पहले इसी तरह के नियम इस वर्ष मेडिकल कालेजों और डेंटल कालेजों के लिए भी बनाए गए थे। वहीं आयुर्वेद और यूनानी कालेजों में अकादमिक प्रबंध पर नियुक्ति के लिए पहले से आवेदन करने वाले युवा डाक्टर भी काफी समय से चयन सूची जारी करने की मांग कर रहे थे।
उनका कहना था कि विभाग ने पूरी प्रक्रिया के बाद भी चयन सूची जारी नहीं की। लेकिन अब विभाग ने साक्षात्कार ही खत्म कर दिए। इससे अभ्यर्थियों ने भी राहत की सांस ली है।
अब चयन में आएगी पारदर्शिता
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक उच्च अधिकारी का कहना है कि साक्षात्कार खत्म करने का मकसद चयन में पारदर्शित को बढ़ावा देना है। बहुत से अभ्यर्थी यह आरोप लगाते हैं कि साक्षात्कार में पक्षपात किया जाता है। इन्हीं आरोपों को खत्म करने और पारदर्शिता लाने के लिए भी यह कदम उठाया गया है। इससे पहले इन दोनों ही कालेजों में नियुक्तियां करने के भी आदेश जारी हुए हैं।

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