नगरोटा आतंकी हमले की जांच एनआइए ने संभाली
समीर की निशानदेही पर पकड़े गए शोएब का भाई भी जैश का एक सक्रिय आतंकी है। समीर ने दिसंबर माह के दौरान जैश के जिन आतंकियों को जम्मू से कश्मीर पहुंचाया था उन्हें शोएब ने ही वहां रसीव करने के बाद कुछ समय तक अपने घर में रखा था।
राज्य ब्यूरो, जम्मू: श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे पर नगरोटा में बन टोल प्लाजा पर 31 जनवरी को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ के मामले की जांच का जिम्मा भी अब एनआइए ने संभाल लिया है। झज्जर कोटली मुठभेड़ और पुलवामा कांड के तार नगरोटा मुठभेड़ के साथ जुड़ते देखकर ही यह फैसला लिया गया है। हालंाकि, पुलिस अधिकारी ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
इस बीच, बन टोल प्लाजा नगरोटा मुठभेड़ के मामले में पुलिस ने दक्षिण कश्मीर से जैश ए मोहम्मद के तीन और ओवरग्राउंड वर्करों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान पहचान सुहेल जावेद लोन, जहूर अहमद खान और शोएब मंजूर के रूप में हुई है। इन तीनों को सात दिन की रिमांड पर लिया गया है। सुहेल जम्मू में रहकर पढ़ाई कर रहा था। मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों को अगर समीर डार निर्धारित स्थान पर नहीं मिलता तो उन्हें सुहेल से ही संपर्क करना था। समीर डार को मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने पकड़ लिया था। उसके ही ट्रक में जैश के तीन पाकिस्तानी आतंकी सवार थे। समीर के दो अन्य साथी सरताज अहमद मंटु और आसिफ अहमद मलिक को भी पकड़ा गया था। समीर की निशानदेही पर पकड़े गए शोएब का भाई भी जैश का एक सक्रिय आतंकी है। समीर ने दिसंबर माह के दौरान जैश के जिन आतंकियों को जम्मू से कश्मीर पहुंचाया था, उन्हें शोएब ने ही वहां रसीव करने के बाद कुछ समय तक अपने घर में रखा था।
सूत्रों ने बताया कि समीर डार ने पूछताछ के दौरान कई अहम सुराग दिए हैं। उसने बीते दो साल से पाकिस्तान में छिपे आशिक नेंगरु का भी कथित तौर पर जिक्र किया है। आशिक नेंगरू ने ही सितंबर 2018 में पाकिस्तान से आए जैश के तीन आतंकियों को ट्रक में छिपाकर जम्मू से कश्मीर पहुंचाने की योजना तैयार की थी। यह तीनों आतंकी झज्जर कोटली में मारे गए थे। इस मुठभेड़ के बाद आशिक नेंगरु पाकिस्तान भाग गया था। बीते साल लखनपुर में पंजाब के रास्ते ट्रक के जरिए पहुंची हथियारों की खेप भी उसने ही पाकिस्तान से भेजी थी। आशिक भी जिला पुलवामा का रहने वाला है।
नगरोटा हमले में गिरफ्तार सभी ओजीडब्ल्यू की रिमांड बढ़ी
नेशनल हाईवे पर नगरोटा में बन टोल प्लाजा पर हुए आतंकी हमले के आरोपितों को सुरक्षा प्रबंधों के बीच कोर्ट में पेश किया गया। इनमें सरताज अहमद मंटू निवासी किसरीगाम पुलवामा, आसिफ अहमद मलिक निवासी काजीगुंड पुलवामा और समीर अहमद डार निवासी किसरीगाम पुलवामा, सोहेल लोन निवासी वागर, बड़गाम, सोहेब मंजूर निवासी करलमाबाद पुलवामा और जहूर अहमद खान निवासी बानगुंड वनपोरा पुलवामा शामिल हैं।
एडिशनल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर संजय कोहली ने कोर्ट में अर्जी दायर कर आरोपितों की रिमांड 15 दिन बढ़ाए जाने की वकालत की। इनमें तीन ओजीडब्ल्यू भी कोर्ट में पेश किया गया, जिन्हें जांच के बाद कश्मीर से गिरफ्तार किया गया है। केस डायरी में कहा गया कि तीनों आरोपितों को 31 जनवरी को उस समय गिरफ्तार किया गया उनके तीन साथियों ने नगरोटा के बन टोल प्लाजा के निकट सुरक्षाबलों पर ताबड़तोड़ गोलीबारी करते हुए भागने का प्रयास किया। सुरक्षा बलों ने जैश ए मोहम्मद के तीन आतंकवादियों को मार गिराया था। तीन ओजीडब्ल्यू पकड़े गए थे। तीन को बाद में पकड़ा गया। ओजीडब्लयू के खिलाफ हत्या का प्रयास, साजिश रचने, देशद्रोह और शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। थर्ड एडिशनल सेशन जज सुभाष चंद्र गुप्ता ने केस से जुड़े तमाम पहलुओं और जांच अधिकारी की दलीलों पर सुनवाई के बाद सभी आरोपितों की रिमांड को सात दिनों के लिए और बढ़ा दी।