घोर लापरवाही! जम्मू के SMGS अस्पताल में बच्चियों की अदला-बदली, ढाई साल बाद DNA जांच से सामने आया सच
जम्मू के एसएमजीएस अस्पताल (Jammu SMGS Hospital) में 2022 में नवजात बच्चियों की अदला-बदली का मामला सामने आया है। डोडा के एक परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद डीएनए जांच में पुष्टि हुई कि बच्चियों की अदला-बदली हुई थी। अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों की जांच शुरू कर दी है और पुलिस भी मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, जम्मू। Jammu Kashmir News: जम्मू संभाग के प्रतिष्ठित और सबसे पुराने सरकारी श्री महाराजा गुलाब सिंह (एसएमजीएस) अस्पताल में नवजात बच्चियों की अदला-बदली के आरोप का सनसनीखेज मामला सामने आया है।
वर्ष 2022 में डोडा के रहने वाले एक परिवार और मध्य प्रदेश से आए प्रवासी श्रमिक परिवार की बच्चियों का जन्म एक ही समय पर इस अस्पताल में हुआ था। लगभग ढाई वर्ष बाद अब डोडा के परिवार ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया तो डीएनए जांच की गई।
सूत्रों के अनुसार, डीएनए में पुष्टि हुई है कि जन्म के बाद दोनों बच्चियों की अदला-बदली हो गई थी। सूत्रों के अनुसार, डोडा के परिवार ने सितंबर, 2022 को नवजात बच्ची के जन्म के बाद उसे देखकर ही संदेह जताया था कि वह उनकी संतान नहीं है।
उन्होंने आशंका व्यक्त की थी कि पास के बिस्तर पर भर्ती मध्य प्रदेश के परिवार की बच्ची से उनकी बच्ची की अदला-बदली हो गई है। उनका कहना था कि जिसे उनकी बच्ची बताया गया, उसका रंग सांवला था और जो बच्ची प्रवासी परिवार को सौंपी गई, उसका रंग डोडा के परिवार के रंग-रूप से मेल खाता था।
बच्चियों के डीएनए सैंपल लिए गए
अस्पताल प्रबंधन ने उस समय दोनों परिवारों को समझा-बुझाकर बच्चियां सौंप दी थीं। हालांकि, डोडा के परिवार की शंका बरकरार रही और लगभग ढाई साल बाद अब मार्च 2025 में उन्होंने सिटी पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाकर डीएनए जांच की मांग की। पुलिस ने अस्पताल से रिकॉर्ड लेकर दोनों परिवारों और बच्चियों को बुलाकर डीएनए नमूने जांच के लिए भेजे।
सूत्रों ने दावा किया है कि रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है कि वास्तव में बच्चियों की अदला-बदली हुई थी। इस मामले में एसएमजीएस अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट दारा सिंह ने कहा कि अस्पताल में ऐसी व्यवस्था है कि जन्म के बाद बच्चों की अदला-बदली संभव नहीं होती।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि जांच में किसी अस्पताल कर्मी की लापरवाही या संलिप्तता सामने आती है तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अब यह है बड़ा सवाल
यदि सच में बच्चियों की अदला-बदली हो गई है तो अब आगे प्रशासन और पुलिस क्या कदम उठाएगी। l लगभग ढाई साल तक दोनों बच्चियां जिस परिवार और मां के साथ पली-बड़ीं अब उनका दूसरे परिवार में भरण-पोषण कैसे होगा। l अब यह मामला पुलिस-प्रशासन के स्तर पर हल होगा या अदालत में जाएगा। अब यह समय ही बताएगा।
जांच जारी, अभी निष्कर्ष पर पहुंचना संभव नहीं : पुलिस
जम्मू सिटी एसडीपीओ विक्रम सिंह ने बताया कि मामला संवेदनशील है और जांच अभी जारी है। पुलिस सभी पहलुओं से मामले की जांच कर रहे हैं, ताकि किसी के साथ अन्याय न हो। अभी कुछ भी निश्चित तौर पर कहना संभव नहीं है।
अस्पताल प्रशासन ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि आरोपों को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी गई है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, प्रारंभिक जांच व अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार आठ, सितंबर 2022 को अस्पताल में दो अलग-अलग माताओं ने दो बच्चियों को जन्म दिया।
एक का जन्म सुबह 03:05 बजे और दूसरी का 03:06 बजे हुआ था। दोनों शिशुओं के बीच एक मिनट के समय का अंतर है। जन्म के रजिस्टर पर दोनों शिशुओं के फुट प्रिंट अलग-अलग दर्ज किए गए थे। बेबी टैग नंबर भी रिकॉर्ड के अनुसार मेल खाते हैं। अभी तक स्टाफ की लापरवाही नहीं लग रही है। यदि किसी स्टाफ सदस्य की संलिप्तता पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी।

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