जम्मू विश्वविद्यालय के डीडीई में लापरवाही, परीक्षा हो गई मगर अभी तक नहीं भेजे आरआर, वीसी ने मामले की जांच के आदेश दिए
जम्मू विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय (डीडीई) की लापरवाही से विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम लटक गया है। डीडीई ने अंडर ग्रेजुएट के पांचवें सेमेस्टर के विद्यार्थियों का अभी तक परीक्षा विभाग को रजिस्ट्रेशन रिटर्न (आरआर) फार्म ही नहीं भेजे हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय (डीडीई) की लापरवाही से विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम लटक गया है। डीडीई ने अंडर ग्रेजुएट के पांचवें सेमेस्टर के विद्यार्थियों का अभी तक परीक्षा विभाग को रजिस्ट्रेशन रिटर्न (आरआर) फार्म ही नहीं भेजे हैं।
हालत यह है कि विद्यार्थियों की परीक्षा आनलाइन व ऑफलाइन तरीके से हो चुकी है लेकिन अभी तक रजिस्ट्रेशन रिटर्न परीक्षा विभाग को नहीं भेजे गए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए वीसी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। नियमों अनुसार विद्यार्थियों का दाखिला होने के बाद निर्धारित समय के भीतर रजिस्ट्रेशन रिटर्न परीक्षा विभाग को भेजने होते है ताकि रजिस्ट्रेशन हो सके। इसके बाद ही परीक्षा होती है लेकिन अंडर ग्रेजुएट के पांचवें सेमेस्टर के रजिस्ट्रेशन अब तक नहीं भेजे गए है। इससे डीडीई की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग गया है।
वीसी ने विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए परीक्षा करवाने की अनुमति दी। परीक्षाएं तो हो चुकी है लेकिन परिणाम तब तक नहीं निकल सकता जब तक रजिस्ट्रेशन रिटर्न भेज नहीं दिया जाता। वीसी ने प्रो. केएस चाढ़क की अध्यक्षता में दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया है जिसमें लॉ स्कूल की निदेशक प्रो. मंजु जम्वाल शामिल हैं। नियमों अनुसार इसके लिए जिम्मेदार स्टाफ से जुर्माना वसूला जाएगा। बताते चलें कि दो साल पहले भी डीडीई में रजिस्ट्रेशन रिटर्न समय पर नहीं भेजे गए थे जिसके तहत संबंधित जिम्मेदार स्टाफ पर करीब बीस लाख रुपये का जुर्माना होना था लेकिन स्टाफ को चेतावनी देकर मामले को रफा- दफा किया गया था।
डीडीई में कई बार परीक्षा के बाद विद्यार्थियों को स्टडी मेटेरियल मिलता है। पीसीपी समय पर नहीं होती। ऐसे कई समस्याओं से विद्यार्थियों को जूझना पड़ता है। कुछ समय पहले अंडर ग्रेजुएट के कुछ विद्यार्थियों के प्रेक्टिकल के अंक समय पर परीक्षा विभाग को नहीं भेजे गए थे जिस कारण विद्यार्थियों के परिणाम घोषित करने में देरी हो गई थी। विद्यार्थियों को कई दिनों तक भटकना पड़ा था।