Jammu Kashmir: नवदुर्गा स्वीट्स ने 30 वर्ष से मिठाइयों और भोजन की गुणवंता से नही किया समझौता, कोरोना संक्रमण में भी कायम रहा लोगों का विश्वास
जम्मू के पॉश गांधी नगर में वर्ष 2004 में नव दुर्गा फास्ट फूड भव्य रेस्तरां खोला। लेकिन यह रेस्तरां बंद कर दिया और यह दुकान बलैकबेरी को किराए पर दी है। गांधीनगर स्थित नव दुर्गा स्वीट्स की दुकान पर उनके भाई सुभाष गंडोत्रा बैठते हैं।
जम्मू, अवधेश चौहान: भोजन और मिठाइयों में गुणवत्ता बनाए रखने की वजह से काेरोना काल के दौरान भी लोगों ने हमारे खान पान पर भरोसा किया। इस भरोसे को बीते 30 वर्ष से बरकारार रखे हुए है। इसकी तस्दीक कोरोना संक्रमण के दौरान हुई जब लोगों हमारे उत्पादनों में विश्वास जताया और हमने भी उनके स्वाद को स्वच्छता के साथ परोसा। यह कहना है गांधी नगर स्थित दुर्गा स्वीट्स के मालिक संजय कोहली और सुभाष गंणोत्रा का।
संजय का कहना है का मां दुर्गा की कृपा है एक दुकान के बदौलत आज हमारी जम्मू, कटड़ा, अर्द्धकुवारी में नव दुर्गा स्वीट्स और ढाबों की चेन है।इसे हम सब 9 भाई और मेरा भांजा मिलकर चलाते हैं। हमारा परिवार है जो इस नव दुर्गा चेन को संभाले हुए हैं।कटड़ा और रियासी से निकल कर अपनी चेन को आगे बढ़ाया और वर्ष 2000 में जम्मू के पॉश गांधी नगर इलाके में नव दुर्गा स्वीट्स की दुकान खोली।वैसे तो नव दुर्गा चेन 30 वर्ष से भी अधिक पुरानी है। इसकी शुरूआत वर्ष 1988 में मां वैष्णों देवी की पवित्र गुफा मार्ग पर स्थित अर्द्धकुवारी में नव दुर्गा नाम से ढाबे से की। एक साल बाद ही कटड़ा में 2 नई दुकाने नव दुर्गा स्वीट्स और ढाबा खोला।मां दुर्गा के दर्शनों के लिए देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं नव दुर्गा को स्वीट्स शाप को नही भूलते।
यहां सौंठ की सभी ड्राई फ्रूट की पगी पंजीरी खरीदना नही भूलते।इसकी मांग विदेशों में भी है।कोहली कहते है कि ग्राहकों में हमारी क्वालिटी के बारे में यह प्रचलन है कि अगर घर पर मिठाई खानी है तो नव दुर्गा की ले लो, अगर किसी को भेंट करनी हे तो किसी दूसरे से खरीद लो। कोरोना में भी हमने ग्राहकों की मांग के मुताबिक मिठाइयां तैयार की जो बिक जाती थी। अब हालात तेजी करवट ले रहे हैं।हमारी रसमलाई घनी होती है, इसकी मांग देश भर में है।संजय कोहली कहते है कि उनकी जिंदगी काफी संर्घषपूर्ण रहा।पिता जी रामपॉल कोहली ठेकदार थे। गांधी मेमोरियल सांइस कालेज से बी.एससी करने के बाद मैंने भी ठेकेदारी करना शुरू कर दी।काम में काफी लगन और मेहनत से काम किया।काम की खातिर साल साल भर घर नही आना होता था।मां दुर्गा की कृपा से काम चलता गया और वर्ष 1988 में ए क्लास ठेकेदार बन गया।एक बार माता वैष्णों देवी मार्ग पर केबल बिछाने का ठेका मिला तो अनुभूति हुई मां अपने चरणों में बुला ले।
यहीं कोई काम दिला दे।फिर क्या था मां ने सुन ली, अर्द्धकुवारी में दुकान खरीद ली। नव दुर्गा वैष्णों ढाबा चलने लगा। वर्ष 2000 में पिट्ठू, घोड़ों का ठेका मिल गया। केवल एक साल काम किया। फिर पीछे मुड़ कर नही देखा। कटड़ा में उनकी दुर्गा स्वीट्स,दुर्गा ढाबा, दुर्गा चाट भंडार, दुर्गा टी स्टाल की दुकाने है। रियसाी कस्बे में उनकी दुर्गा स्वीट्स और ढाबा है। इतनी ही दुकाने उनकी रियासी कस्बें में भी हैं।जम्मू के पॉश गांधी नगर में वर्ष 2004 में नव दुर्गा फास्ट फूड भव्य रेस्तरां खोला। लेकिन यह रेस्तरां बंद कर दिया और यह दुकान बलैकबेरी को किराए पर दी है। गांधीनगर स्थित नव दुर्गा स्वीट्स की दुकान पर उनके भाई सुभाष गंडोत्रा बैठते हैं। परिवार ममरे व चचेरे भाईयों का सहयोग रहा जिस बदौलत आज नव दुर्गा स्वीट्स की जम्मू में चेन चल रही है। उनके भाई सुभाष गंडोत्रा का कहना है कि भाइयों की एकजुटता और मां दुर्गा की कृपा से परिवार प्रगति की ओर बढ़ रहा है।
किसी भाई को कभी काम के लिए जाना होता है तो दूसरा भाई काम संभाल लेता है।दुकान के लिए सारा माल डिग्यिाना वर्कशाप में तैयार होता है।जहां सामने खड़े होकर इसकी क्वालिटी का ध्यान रखा जाता है।क्वालिटी से कोई समझौता हमारा उद्देश्य है।कोहली कहते है कि उनके भाई सुभाष गंडोत्रा के बच्चे विदेशों में पढ़ रहे हैं, एक बेटा सीए है।जबकि कोहली की अपनी बेटी डाक्टरी की पढ़ाई के लिए एमबीबीएस कर रहीं हैं। फुसर्त भरे क्षणों के बारे में संजय कोहली का कहना है कि वह रोजना सुबह 4 किलोमीटर सैर करते हैं। रस्साटापना उनका शोक है। जिस कारण उन्होंने सेहत से खिलवाड़ नही किया।
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