Medal Row: पुलिस पदक से शेख अब्दुल्ला का नाम हटाए जाने पर भड़की नेशनल कांफ्रेंस, बोले- लोगों के दिलों पर राज करते रहेंगे शेरे कश्मीर
पूर्व मुख्यमंत्री स्व शेख मोहम्मद अब्दुल्ला का नाम जम्मू व कश्मीर पुलिस पदक से हटाए जाने के लगभग दो वर्ष बाद गत सोमवार को पदक से प्रदेश का राजकीय प्रत ...और पढ़ें

जम्मू, राज्य ब्यूरो। पूर्व मुख्यमंत्री स्व शेख मोहम्मद अब्दुल्ला का नाम जम्मू व कश्मीर पुलिस पदक से हटाए जाने के लगभग दो वर्ष बाद गत सोमवार को पदक से प्रदेश का राजकीय प्रतीक चिन्ह और शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की तस्वीर भी हटा दी गई। सरकार की इस कार्यवाही के बाद इस पर राजनीति तेज होने लगी है। नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी सरकार की कार्रवाई पर भड़क गई है। पीडीपी ने जहां इसे सरकार की घटिया मानसिकता करार दिया।
वहीं नेशनल कांफ्रेंस ने इसे इतिहास को मिटाने का षड्यंत्र करार देते हुए कहा कि शेख अब्दुल्ला लोगों के दिलों पर राज करते रहेंगे।पहले जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा प्रदान किए जाने वाले वीरता और सराहणीय सेवा पदक का नाम शेरे कश्मीर वीरता पदक और शेरे कश्मीर पुलिस सराहनीय सेवा पदक था। लेकिन अब जम्मू कश्मीर गृह विभाग ने शेरे कश्मीर का नाम हटाते हुए इसे जम्मू व कश्मीर पुलिस पदक कर दिया। यही नहीं पदक के एक तरफ उकेरे गए शेरे कश्मीर शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के स्थान पर अब भारत सरकार का प्रतीक चिन्ह होगा और पदक के दूसरी तरफ जहां जम्मू व कश्मीर राज्य का प्रतीक चिन्ह है, वहां अब जम्मू व कश्मीर पुलिस वीरता पदक और जम्मू कश्मीर सराहनीय सेवा पुलिस पदक होगा।
जम्मू-कश्मीर गृह विभाग की इस कार्रवाई पर नेशनल कांफ्रेंस ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर के इतिहास को मिटाने का काम कर रही है। पार्टी प्रवक्ता इमरान नबी डार का कहना है कि भारत के प्रतीक चिन्ह का सभी सम्मान करते हैं लेकिन किसी का नाम बदलने से कुछ भी बदलने वाला नहीं है। नेशनल कांफ्रेंस के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला पहले की तरह ही जम्मू-कश्मीर के लोगों के दिलों पर राज करते रहेंगे। नेंका प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग जहां हैं, वहां पहुंचने के लिए कई मोर्चों पर संघर्ष किया है। उन्होंने उत्पीड़न, निरंकुशता से लड़ाई लड़ी। नाम बदलने से इसे कोई नहीं बदल सकता। अब वे और उनके मास्टर चाहें कुछ भी करें, उनका नाम पहले की तरह ही रहेगा।
वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इससे उनके व्यक्तित्व पर कोई फर्क नहीं पड़ेगाञ लेकिन मुझे ऐसा करने वाले लोगों के मानसिक संतुलन पर संदेह है क्योंकि वह एक ऐसे व्यक्तित्व हैं जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अब्दुल्ला ने अपने जीवन के इतने साल जम्मू-कश्मीर के लोगों की सेवा में दिए, अच्छे कानून लाए और भारत के साथ जम्मू-कश्मीर में शामिल होने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अगर वे 70 साल बाद ऐसे नेता की पहचान मिटाना चाहते हैं तो हम उन्हें इसके अलावा और क्या कह सकते हैं कि यह उनका मानसिक दिवालियापन है। जब दो राष्ट्र के सिद्धांत पर चर्चा हो रही थी, तो शेख साहब ने पाकिस्तान के बजाय भारत, एक धर्मनिरपेक्ष देश में शामिल होने का इतना साहसिक निर्णय लिया।
माकपा नेता एमवाई तारिगामी ने कहा कि नाम बदलकर इतिहास को पुनर्लेखन करने का भाजपा का ष दृष्टिकोण उनके संकीर्ण सांप्रदायिक एजेंडे का पक्ष ले सकता है लेकिन यह इतिहास से अपनी जटिलता को समाप्त नहीं कर सकता है। तारिगामी ने कहा, आप नाम बदलने वाली चालबाज़ियों से शेर-ए-कश्मीर के योगदान और ऐतिहासिक महत्व को मिटा नहीं सकते।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।