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    रिश्वतखोरी में नायब तहसीलदार और पटवारी को मिली चार साल की सजा, 2019 में ठहराया गया था दोषी

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 06:31 AM (IST)

    भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की विशेष अदालत ने रिश्वत लेने के मामले में नायब तहसीलदार और पटवारी को चार साल की कैद की सजा सुनाई है। यह मामला 2016 का है, जब एसीबी ने शिकायत मिलने पर जाल बिछाकर इन दोनों को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। विशेष न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी पाया।

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    रिश्वत के पैसों के साथ पकड़े गए नायब तहसीलदार व पटवारी को चार साल की कैद।

    जेएनएफ, जम्मू। भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए गएनायब तहसीलदार फरयाद अहमाद और पटवारी यादव चंद्र को विशेष भ्रष्टाचार निरोधक न्यायाधीश हक नवाज जरगर ने चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। तहसीलदार और पटवारी को वर्ष 2019 में रिश्वतखोरी मामले में दोषी ठहराया गया था।

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    इन दोनों पर 90,000 हजार रुपये की रिश्वत लेने आरोप था। यह मामला 16 अप्रैल 2019 काे उस समय सामने आया था जब शिकायतकर्ता जावेद अशरफ ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) जम्मू से संपर्क कर आरोप लगाया था कि दोनों राजस्व अधिकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे झज्जर कोटली में दो मरला जमीन की फर्द इंतिखाब जारी करने के लिए 90,000 रुपये की मांग की है।

    शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एसीबी ने जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आरपीसी की धारा 120-बी के तहत मामला दर्ज कर डीएसपी अब्दुल वाहिद गिरि के नेतृत्व में एक टीम गठित की। टीम ने दो स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में नायब तहसीलदार व पटवारी को उनके कार्यालय में जाल बिछाकर दबोच लिया।

    शिकायतकर्ता ने पटवारी यादव चंद्र की मौजूदगी में नायब तहसीलदार फरयाद अहमद को 90,000 रुपये सौंप दिए, जिसके बाद टीम ने उन्हें पकड़ लिया। टीम ने नायब तहसीलदार के कार्यालय से रिश्वत की रकम भी बरामद की।

    वहीं, कोर्ट में पेश मुकदमे के दौरान सरकार की ओर से पंद्रह गवाह पेश किए गए, जिनकी गवाही ने दोनों राजस्व अधिकारियों को दोषी सिद्ध किया।विशेष न्यायाधीश हक नवाज जरगर ने दोनों अधिकारियों को जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी ठहराया और प्रत्येक को चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।