Militancy In Jammu Kashmir : राजौरी-पुंछ से 200 से अधिक आतंकी घुसपैठ की फिराक में, छोटे-छोटे दलों में अग्रिम चौकियों में रखा
Militancy In Jammu Kashmir पहले भी पाक सेना व पाक खुफिया एजेंसी आतंकियों की हर संभव मदद करती रही है लेकिन अब पुन संघर्ष विराम समझौता लागू होने के बाद पाक सेना जम्मू कश्मीर में हालात बिगाडऩे के षड्यंत्र मेंं जुटी है।

राजौरी, जागरण संवाददाता : अमरनाथ यात्रा में बाधा डालने के लिए रचे गए कई षड्यंत्र नाकाम होने के बाद भी पाकिस्तान चैन से नहीं बैठ रहा है। राजौरी-पुंछ जिलों में भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर 200 से अधिक आतंकी घुसपैठ की फिराक में है। इन्हें भारतीय क्षेत्र में दाखिल करवाने के लिए पाक सेना लगातार कोशिशों में जुटी है। इतना ही नहीं आतंकियों को छोटे-छोटे दलों में अग्रिम चौकियों में रखा हुआ है। वहीं भारतीय सेना पूरी तरह से मुस्तैद है।
गत मंगलवार रात्रि पुंछ के कृष्णा घाटी सेक्टर से आतंकियों को घुसपैठ की कोशिश में भी पाक सेना का पूरा हाथ था। भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में आतंकी वापस भागने मजबूर हो गए। सूत्रों का कहना है कि सीमा पार बालाकोट, पलांदरी, निकेयाल, समानी, हजारा आदि कई अग्रिम क्षेत्रों में आतंकियों के दल घुसपैठ के लिए तैयार हैं। ये भी आतंकी प्रशिक्षत हैं। पाक सेना बिगड़े मौसम का लाभ उठाकर उन्हें भारतीय क्षेत्र में दाखिल करवाने की कोशिश कर रही है। इससे यह साफ है कि पाक सेना आतंकी संगठनों को पूरी मदद कर रही है। पहले भी पाक सेना व पाक खुफिया एजेंसी आतंकियों की हर संभव मदद करती रही है, लेकिन अब पुन : संघर्ष विराम समझौता लागू होने के बाद पाक सेना जम्मू कश्मीर में हालात बिगाडऩे के षड्यंत्र मेंं जुटी है।
पीएम के जम्मू दौरे से पहले हुई सुंजवां मुठभेड़ मामले में कश्मीर में छापे : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इसी साल अप्रैल में जम्मू दौरे से दो दिन पहले सुंजवां में हुई मुठभेड़ के मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग और पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क से जुड़े लोगों के तीन ठिकानों की तलाशी ली। इस दौरान एनआइए के अधिकारियों ने चार लोगों से तथाकथित तौर पर पूछताछ भी की, लेकिन किसी को हिरासत में लेने या गिरफ्तार किए जाने की कोई सूचना नहीं है। तलाशी के दौरान आतंकी साहित्य, आतंकी गतिविधियों और टेरर फंडिंग से संबंधित कुछ डिजिटल सुबूत व अन्य साजो सामान भी जब्त किया गया है।
एनआइए के प्रवक्ता ने बताया कि जम्मू के बाहरी क्षेत्र सुंजवां में 22 अप्रैल 2022 को जैश-ए-मोहम्मद के दो आत्मघाती आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें जैश के दोनों आतंकी मारे गए थे, जबकि सीआइएसएफ का एक जवान बलिदान हुआ था। इस मुठभेड़ के दो दिन बाद प्रधानमंत्री जम्मू आने वाले थे। इस मुठभेड़ और संबंधित घटनाक्रम की जांच एनआइए कर रही है और इसी संदर्भ में बुधवार को दक्षिण कश्मीर में तीन जगहों पर छापा मारा गया। उन्होंने बताया कि पुलवामा जिले में एक और अनंतनाग में दो जगहों पर तलाशी ली गई। इस कार्रवाई में जम्मू कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों का दस्ता भी शामिल था। यह अभियान सुबह सात बजे शुरू हुआ और करीब पांच घंटे तक चला है। छापों के दौरान संबंधित जगहों से आतंकी गतिविधियों से जुड़े कई सुबूत और कुछ आपत्तिजनक साजो सामान भी जब्त किया गया है, लेकिन किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। जांच अभी जारी है। आने वाले दिनों में कुछ गिरफ्तारियों की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।
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