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Jammu Tourism: मिनी कश्मीर भद्रवाह की वादियों में पर्यटकों को लुभाते हैं कलकल बहते दूधिया झरने

भद्रवाह से 40 किलोमीटर दूर समुद्र तल से 10500 फीट की ऊंचाई पर स्थित पादरी एक प्रसिद्ध पिकनिक स्थल है। हर जगह पर पर्यटक नैसर्गिक सौंदर्य का आनंद उठाने के साथ घुडसवारी का मजा भी ले सकते हैं। चिंता घाटी समुद्र तल से 6500 फीट की ऊंचाई पर है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 04:45 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 05:48 PM (IST)
Jammu Tourism: मिनी कश्मीर भद्रवाह की वादियों में पर्यटकों को लुभाते हैं कलकल बहते दूधिया झरने
भद्रवाह को इसकी प्राकृतिक सुंदरता के कारण इसे "छोटा कश्मीर" कहा जाता है।

ऊधमपुर, अमित माही: अपनी खूबसरती में बेमिसाल जम्मू संभाग के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भद्रवाह को मिनी कश्मीर और मिनी स्विटजरलैंड भी कहा जाता है। गहरी सब्ज वादियां में दूध से कलकल बहते झरनों का मधुर संगीत किसी को भी मोह लेता है। सुबह चांदी और सूरज के ढलने पर स्वर्णिम आभा वाले बर्फ से ढके ऊंचे पहाड़ और उनके बीच लंबी चारागाहें मन को सूकून देती है। भद्रवाह का इतिहास बहुत पुराना है। महाभारत काल के इस नगर पर कई स्वतंत्र शासकों ने शासन किया। कहा जाता है कि यहाँ एक बहुत बड़ा विश्वविद्यालय था, जिसमें नालंदा विश्वविद्यालय से भी ज्यादा दस हजार छात्रों के लिए छात्रावास की सुविधा थी।

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जम्मू के उतर में तकरीबन 205 किमी दूर समुद्र तल से पांच हजार फीट की उंचाई पर स्थित भद्रवाह को इसकी प्राकृतिक सुंदरता के कारण इसे "छोटा कश्मीर" कहा जाता है। भद्रवाह की जाई घाटी भद्रवाह का सबसे लोक प्रिय स्थल है। गर्मियों में स्थानीय, देशी और विदेशी पर्यटक यहां पर आकर हरी भरी चारागाहों में घूमने का आनंद उठाते हैं। भद्रवाह को थंबू नाग मंदिर, नागनी माता मंदिर और अन्य कई मंदिर हैं। पर्यटन के लिए यह एक आदर्श स्थल है। प्रकृति की गोद में बसे इस स्‍थल की अप्रतीम सुंदरता देख कर जी नहीं भरता। यहां पर पर्यटन, साहसिक खेल गतिविधियों के लिए कई केंद्र है। जाई के अलावा केलाड़, भलेसा, चिंता, और चिराला घाटियां ट्रैकिंग और कैंपिंग के लिए आदर्श हैं। 11वीं सदी में बना भगवान वासुकी नाग मंदिर भद्रवाह का सबसे प्रचान मंदिर है। इस मंदिर में वासुकी भगवान की प्रतिमा है, जो एक बड़े से पत्‍थर से बनी है।

कैलाश यात्रा से पहले इस मंदिर में विशेष पूजा होती है। इसके अलावा भद्रवाह से चालीस किलोमीटर दूर पादरी समुद्र तल से 10500 फीट की ऊंचाई पर स्थित पादरी एक प्रसिद्ध पिकनिक स्थल है। भद्रवाह में हर जगह पर पर्यटक नैसर्गिक सौंदर्य का आनंद उठाने के साथ घुडसवारी का मजा भी ले सकते हैं। चिंता घाटी समुद्र तल से 6500 फीट की ऊंचाई पर है। चारों तरफ से घने जंगलों से घिरी यह घाटी मनोरम पर्यटन केंद्र है। इसी तरह चिंता नाला पर स्थित थुंबा भद्रवाह का सबसे ऊंचा प्‍वांइट है। यह भद्रवाह को चिंता घाटी से विभाजित करता है। यहां पर भगवान शिव का मंदिर है।पर्यटक बग्‍गन से थुंबा तक घुड़सवारी का मजा भी लेते हैं। सुब्रनाग पीक और सुब्रनाग मंदिर भी इस घाटी के दर्शनीय स्‍थल हैं। इसके अलावा खिलानी, चिनौत भद्रवाह के दक्षिण में स्थित सरतिंगल खुबसूरत ईलाका है। अपनी खूबसूरत नजारों के कारण यह पर्यटकों को काफी भाता है।

पेड़ और बहती जल धाराएं इस इलाके की सुंदरता में चार चांद लगाती है। इसके पास कैलाश पर्वत और आशापति पहाड़ स्थित हैं, जो खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। कब जाएँ यहां घूमनेभद्रवाह में घूमने का सबसे अच्छा मौसम अप्रैल से अक्टूबर के बीच घूमने का सबसे अच्छा समय है। इसके बाद बर्फबारी के कारण ज्यादातर स्थलों तक पहुंचने के रास्ते बंद हो जाते हैं। इस दौरान यहां का मौसम बेहद ही सुहावना रहता है। गर्मियां में भी भद्रवाह में रातें सर्द रहती है। हल्की बारिश के बाद मौसम सर्द हो जाता है, यहां तक कि लोगों को हल्के गर्म कपड़े तक पहनने पड़ते हैं।

ऐसे पहुंचा जा सकता है: जम्मू से भद्रवाह की दूरी 200 किलोमीटर है। मुख्य सडक मार्ग काफी अच्छे हैं। जम्मू से बटोत तक की यात्रा हाईवे फोर लेन से की जा सकती है। इसके आगे बटोत से आगे पुल डोडा और आगे भद्रवाह तक सड़क अच्छी है। बीच में कई जगहों पर भूस्खलन के कारण सड़क के कुछ छोटे हिस्से थोड़े खराब हैं। जम्मू तक हवाई सेवा भी है। देश के किसी भी हिस्से से हवाई मार्ग सेजम्मू पहुंच कर वहां से ऊधमपुर से बटोत , पुल डोडा होते हु भद्रवाह पहुंचा जा सकता है। 


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