पुलवामा में आतंकियों ने पुलिस कांस्टेबल को घर के बाहर मारी गोली, अस्पताल में दम तोड़ा
लोगों की मदद से रियाज को तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया गया है। डॉक्टरों ने उसे प्राथमिक उपचार प्रदान किया। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे तुरंत श्रीनगर में सैन्य अस्पताल पहुंचाया गया परंतु पुलिस कांस्टेबल रियाज जख्मों का ताव न सह सका और बलिदानी हो गया।

श्रीनगर, जेएनएन : दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के गुडारू इलाके में आज शुक्रवार सुबह किए आतंकियों ने जिस पुलिस कांस्टेबल पर हमला किया था, उसने श्रीगनर सैन्य अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। पिछले 12 घंटों में कश्मीर घाटी मेंं आतंककवादियों द्वारा की गई यह दूसरी साफ्ट टारगेट किलिंग है। जिस समय यह हमला हुआ कांस्टेबल रियाज अहमद अपने घर के बाहर खड़ा हुआ था। आतंकवादी अचानक से आए और घर के पास खड़े रियाज पर गोलियां बरसाना शुरू कर दिया। पुलिस कांस्टेबल के जमीन पर गिरते ही आतंकी वहां से फरार हो गए।
स्थानीय लोगों की मदद से रियाज को तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया गया है। डॉक्टरों ने उसे प्राथमिक उपचार प्रदान किया। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे तुरंत श्रीनगर में सैन्य अस्पताल पहुंचाया गया परंतु पुलिस कांस्टेबल रियाज जख्मों का ताव न सह सका और बलिदानी हो गया।
वहीं हमले के तरंत बाद ही एसओजी के जवान सेना व सीआरपीएफ के संयुक्त दल के साथ गुडारू इलाके में पहुंचे और उन्होंने हमलावरों के बारे में पता लगाना शुरू कर दिया। आखिर हमलावरों को पहचाने के लिए आसपास रहने वाले लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। आपको बता दें कि गत मंगलवार को आतंकवादियों ने जिला बड़गाम में तहसीलदार कार्यालय में कार्यरत कश्मीरी हिंदू युवक राहुल भट्ट की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पिछले 12 घंटों के भीतर कश्मीर में टारगेट किलिंग की यह दूसरी वारदात है।
आपको बता दें कि चाडूरा तहसीलदार कार्यालय परिसर में आतंकियों द्वारा कश्मीरी हिंदु क्लर्क राहुल भट्ट की हत्या ने सुरक्षा प्रबंधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। तहसीलदार कार्यालय में सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त रहता है। पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों का एक दस्ता सुरक्षा का जिम्मा संभालता है। इसके अलावा तहसीलदार के कार्यालय से कुछ ही दूरी पर सुरक्षाबलों का एक शिविर है। थाना भी नजदीक है।
शेखपोरा बडगाम में दिवंगत राहुल भट्ट के एक पड़ौसी ने कहा कि आतंकी हथियार लेकर तहसीलदार कार्याीलय में दाखिल होते हैं,गोलियां चलाते हैं और वहां से निकल जाते हैं। आखिर वहां तैनात पुलिसकर्मी क्या कर रहे थे। यह सुरक्षाबलों की नाकामी है। इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। हालांकि इन हमलों के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस व सेना ने घाटी में चौकसी बढ़ा दी है।

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