पीडीपी अध्यक्ष महबूबा ने केंद्र से पूछा सवाल, अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में क्या बदला?
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार से पूछा है कि अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में क्या बदलाव आया है। उन्होंने सरकार के विकास और ...और पढ़ें

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा ने जमीनी हकीकत को दावों से अलग बताया।
राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। पीडीपी अध्यक्ष महूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि केंद्र को जम्मू-कश्मीर के प्रति अपनी नीति की समीक्षा करनी चाहिए और सुलह की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए यहां के लोग सम्मान के साथ रह सकें।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद केंद्र ने कहा कि कश्मीर में हालात ठीक हैं। युवाओं के हाथों में पत्थरों की जगह कंप्यूटर और किताबों ने ले ली है लेकिन जमीनी हालात कुछ और ही बयां करते हैं।
मुफ्ती ने श्रीनगर में यहां पत्रकारों से कहा मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को जम्मू-कश्मीर के प्रति अपनी नीति की समीक्षा करनी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी ने समाज के विभिन्न वर्गों के साथ एक जन संवाद का आयोजन किया था ताकि उनके सामने आने वाली चुनौतियों को समझा जा सके।
पीडीपी ने युवाओं को खुली बातचीत के लिए आमंत्रित किया
जब दिल्ली विस्फोट हुआ और हमारे कुछ शिक्षित युवा इसमें शामिल पाए गए तो एक मां होने के नाते मुझे बहुत धक्का लगा। हम समझना चाहते थे कि वे ज़िंदगी की बजाय मौत को क्यों चुन रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीडीपी ने युवाओं के सामने आने वाले दबावों और चुनौतियों को समझने के लिए निरंतर संवाद आयोजित करने का निर्णय लिया है।
महबूबा ने कहा कि उनकी पार्टी ने युवाओं को खुली बातचीत के लिए आमंत्रित किया और कई गैर पार्टी युवा भी अपनी चिंताओं और सुझावों को साझा करने के लिए इसमें शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह एक बार का आयोजन नहीं रहेगा बल्कि जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों और बाद में अन्य राज्यों में भी इसी तरह की बैठकें आयोजित की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के कई युवा क्षेत्र के बाहर अपने साथ हो रहे व्यवहार को लेकर चिंता व्यक्त करते हैं और ऐसे मुद्दों को स्वीकार किया जाना चाहिए। उनके अनुसार जम्मू-कश्मीर को प्रभावित करने वाले मुख्य मुद्दों का समाधान एक ऐसे समाधान की आवश्यकता है जो वहां के लोगों को देश में सम्मान, गरिमा और शांति के साथ रहने का अवसर प्रदान करे।
जम्मू-कश्मीर अलगाव नहीं चाहता
अटल बिहारी वाजपेयी और मुफ़्ती मोहम्मद सईद के बीच एक बार चर्चा में आए रोडमैप का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर अलगाव नहीं चाहता बल्कि यूएपीए और पीएसए जैसे कानूनों द्वारा उत्पन्न दबाव से मुक्त वातावरण चाहता है। उन्होंने कहा कि युवाओं के साथ मेल-मिलाप ज़रूरी है क्योंकि उनमें से कई लोग बहुत आहत महसूस कर रहे हैं।
महबूबा ने कहा कि पीडीपी जम्मू-कश्मीर के लोगों और शेष भारत के बीच एक सेतु का काम करेगी। युवाओं द्वारा उठाए गए सवाल दिल्ली पहुंच गए हैं और सरकार को राजधानी में हुई घटना के पीछे की परिस्थितियों की जांच करनी चाहिए।उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग इस देश में सम्मान और गरिमा के साथ खुशी से रहना चाहते हैं।

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