मिलिए कश्मीर के जांबाज आइजीपी विजय कुमार से, अब तक 400 आतंकियों का हो चुका है उनके कार्यकाल में सफाया
वर्ष 1997 आइपीएस बैच के अधिकारी विजय कुमार ने 30 दिसंबर 2019 को आइपीएस अधिकारी स्वयंम प्रकाश पानी से आइजी कश्मीर का पद्भार संभाला। मात्र 25 महीनों में आइजी के कार्यकाल के दौरान उनके नेतृत्व में कश्मीर में 400 आतंकियों को मार गिराने में सफलता मिली है।

श्रीनगर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के जांबाज आइपीएस अधिकारी विजय कुमार के नाम से आज कौन परिचित नहीं है। यह एक ऐसे जांबाज पुलिस अधिकारी का नाम है जिसके कार्यकाल में अब तक जम्मू-कश्मीर में 400 आतंकियों का सफाया हो चुका है।
वर्ष 1997 आइपीएस बैच के अधिकारी विजय कुमार ने 30 दिसंबर 2019 को आइपीएस अधिकारी स्वयंम प्रकाश पानी से आइजी कश्मीर का पद्भार संभाला। तब से लेकर आज तक मात्र 25 महीनों में आइजी के कार्यकाल के दौरान उनके नेतृत्व में कश्मीर में 400 आतंकियों को मार गिराने में सफलता मिली है।
गत वर्ष जम्मू-कश्मीर में 171 आतंकियों 89 मुठभेड़ों में मार गिराया गया था। आतंकियों के खिलाफ पुलिस और सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई के दौरान 34 आम नागरिक और 29 पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के जवान भी वीरगति को प्राप्त हुए थे। कश्मीर में गत वर्ष पुलिस और सुरक्षाबलों को आतंकियों के खात्मे में बहुत बड़ी सफलता मिली थी। वर्ष 2021 में 150 स्थानीय आतंकियों और 21 विदेशी आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचा दिया गया था।
गौरतलब है कि गत वर्ष कश्मीर के आइजी के विजय कुमार ने एक समारोह के दौरान पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा था कि वर्ष 2021 में कश्मीर घाटी में सक्रिय तकरीबन हरेक आतंकी संगठन के शीर्ष के कमांडर मारे जा चुके हैं जबकि बचेखुचे का भी जल्द सफाया कर दिया जाएगा।
आइजी विजय कुमार का कश्मीर में अब तक का सफर:
- सबसे पहले गांदरबल के एसडीपीओ तैनात हुए।
- एसओजी पुलवामा के एसपी
- एसपी अवंतीपोरा
- एसपी कुलगाम
- एसपी कुपवाड़ा
- एसपी विजिलेंस
- डीआइजी ट्रैफिक कश्मीर
- डीआइजी साउथ कश्मीर रेंज अनंतनाग
यहां यह बता दें कि पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने से पहले उन्हें समय से पहले केंद्रीय प्रतिनियुक्ति प्रत्यावर्तित कर उन्हें प्रत्यावर्तित कर कश्मीर सशस्त्र बल का आइजीपी तैनात किया गया था। इससे पहले विजय कुमार को सीआरपीएफ में आइजी कमांडो बटालियन फार रेसोल्यूट एक्शन (कोबरा) के रूप में भी तैनात किया गया था, जो एक विशेष अर्धसैनिक बल है। इस कोबरा फोर्स को माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में जंगल युद्ध के लिए खड़ा किया गया है।
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